Maharashtra Politics: क्या शरद पवार ने जांच एजेंसियों के भय से 2019 में बीजेपी से किया था संपर्क? देवेंद्र फडणवीस ने पूछा सवाल
Maharashtra News: कुछ दिन पहले शरद पवार ने कहा था, जो बीजेपी के साथ गए हैं उन्होंने जांच एजेंसियों के भय से पाला बदला है. इसपर अब डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी अध्यक्ष से ये सवाल पूछा है.
Devendra Fadnavis on Sharad Pawar: महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरूवार को जानना चाहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार ने 2019 में क्या केंद्रीय जांच एजेंसियों के भय से बीजेपी से संपर्क कर सरकार बनाने की इच्छा जताई थी? फडणवीस ने यह टिप्पणी शरद पवार द्वारा उनके भतीजे अजित पवार के नेतृत्व में एनसीपी की ओर से की गई बगावत और इस साल जुलाई में बीजेपी-शिवसेना सरकार में शामिल होने की आलोचना करने के एक दिन बाद आई है. शरद पवार ने कहा था कि जो बीजेपी के साथ गए हैं उनका एनसीपी से कोई लेना देना नहीं है और उन्होंने जांच एजेंसियों के भय से पाला बदला है.
देवेंद्र फडणवीस ने पूछा ये सवाल
फडणवीस ने बुधवार को दावा किया था कि शरद पवार ने बीजेपी को समर्थन देकर सरकार बनाने की इच्छा जताई थी. हालांकि, एनसीपी सुप्रीमो ने उनके दावे का खंडन किया था. एक कार्यक्रम से इतर जब संवाददाताओं ने पवार की टिप्पणी को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं बस यह जानना चाहता हूं कि क्या वह (शरद पवार) 2019 में बीजेपी के पास केंद्रीय जांच एजेंसियों के भय से आए थे? यहां तक 2017 में भी पवार ने (बीजेपी के साथ)सरकार बनाने की संभावना पर चर्चा की थी. वह बहुत अच्छी तरह जानते हैं कि क्यों लोगों ने उनकी पार्टी छोड़ी.’’
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन पर कही ये बात
बीजेपी के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘साथ छोड़ने के बाद अपने ही सहयोगी रहे लोगों पर आरोप लगाना अनुचित है.’’ फडणवीस ने दोहराया कि 2019 में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन शरद पवार की सहमति से लगा था. उन्होंने कहा, ‘‘ यह शरद पवार थे जिन्होंने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू करने पर सहमति दी थी...इसी वजह से महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगा. जो भी मैं कह रहा हूं वह सच है.’’ अजित पवार के मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर फडणवीस ने कहा, ‘‘ अजित पवार प्रमुख नेता है लेकिन लोगों को यह नहीं भूलना चाहिए कि एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री हैं. जो भी राजनीति में होता है उसकी हमेशा कुछ आकांक्षाएं होती हैं. आगामी चुनाव एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में लड़ा जाएगा.’’