Maharashtra News: निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे (Sachin Waje) द्वारा अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) को लेकर किए गए दावे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को इस संबंध में लिखी गई चिट्ठी के बाद से विपक्ष महायुति सरकार पर हमलावर है. विपक्ष का कहना है कि वह एक आरोपी का सहारा ले रही है. अब खुद देवेंद्र फडणवीस का इस संबंध में बयान आया है.
फडणवीस ने रविवार को मीडिया से बातचीत में कहा, ''चांदीवाल आयोग की रिपोर्ट महा विकास अघाड़ी के कार्यकाल के दौरान पेश की गई थी. उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. और जहां तक अनिल देशमुख जी का सवाल है, वह उस वक्त गृह मंत्री थे, उन्होंने ही परमवीर सिंह को पुलिस कमिश्नर बनाया था और वाजे को भी उन्होंने नौकरी पर रखा था.''
परमवीर सिंह को अनिल देशमुख ने बनाया था सीपी- फडणवीस
डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा, ''जब परमवीर सिंह ने अपना बयान दिया तो हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली और हाई कोर्ट ने ही केस सीबीआई को सौंपा था, इसलिए इसमें केंद्र सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं था और न ही किसी और का इसमें कोई दबाव था. हाई कोर्ट में उस वक्त के चीफ जस्टिस की बेंच ने जो फैसला सुनाया था. उसके बाद लगातार कोर्ट से जो फैसले आए. जब भी वो जमानत के लिए कोर्ट गए, जब उन्हें जमानत मिली. उस फैसले को देखेंगे तो पता चलेगा कि वह दोषी हैं या निर्दोष.''
वाजे ने अनिल देशमुख पर लगाए थे गंभीर आरोप
वाजे की चिट्ठी ने महाराष्ट्र में सियासी भूचाल ला दिया है. वाजे ने दावा किया है कि अनिल देशमुख ने गृह मंत्री रहते हुए अपने पीए के जरिए पैसे लिए. उन्होंने वसूले के मामले में अनिल देशमुख के अलावा जंयत पाटिल का भी नाम लिया है. वाजे के दावे पर संजय राउत ने कहा कि बीजेपी मन से विधानसभा चुनाव हार गई है इसलिए गुंडों का सहारा ले रही है.
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