Shiv Sena Ad: महाराष्ट्र की राजनीति में शिवसेना के विज्ञापन के बाद से बीजेपी में खासी नाराजगी देखी जा रही है. आलोचनाओं के बाद शिंदे की शिवसेना डैमेज कंट्रोल में जुट गई है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनकी पार्टी बुधवार को पिछले चूक को "सही" करने के लिए एक और पूरे पेज का विज्ञापन जारी करके डैमेज-कंट्रोल में जुट गई है. जबकि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नाराज होने की बात भी सामने आ रही है. अब खबर है कि, फडणवीस लगातार दूसरे दिन शिंदे के साथ सार्वजनिक उपस्थिति से दूर रहे.
नए विज्ञापन में क्या है?
अब एक नया विज्ञापन भी सामने आया है. हालांकि पिछली गलतियों को सुधारने की कोशिश में विज्ञापन के सबसे नीचे शिवसेना के कई मंत्रियों की तस्वीरें लगाई गई है. इनमें खराब प्रदर्शन वाले मंत्री भी शामिल हैं जिन्हें बीजेपी कैबिनेट से हटाना चाहती है.
विपक्ष के इन नेताओं ने जमकर बोला हमला
मंत्रियों में से एक शंभुराज देसाई ने कहा, "पार्टी के कुछ 'अज्ञात शुभचिंतकों' ने विज्ञापन दिया होगा." एनसीपी की राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले ने कहा, ''मैं उस शुभचिंतक की तलाश में हूं जिसने करोड़ों रुपये के विज्ञापन दिए. मुझे लगता है कि आज का डिजाइन दिल्ली से आया है. यह पूछे जाने पर कि नए विज्ञापन का क्या कारण हो सकता है, तो उसपर सुप्रिया सुले ने चुटकी ली और दिल्ली की ओर इशारा किया.
विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि अगर उन्हें जनता का समर्थन मिलने का इतना ही भरोसा है तो बीजेपी और शिंदे की अगुआई वाली शिवसेना को तुरंत चुनाव कराना चाहिए. शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा कि ताजा विज्ञापन फडणवीस की जल्दबाजी का परिणाम है.
इस गर्म हुआ अटकलों का बाजार
इस बीच, देवेंद्र फडणवीस, जिन्होंने मंगलवार को कोल्हापुर में अपने निर्धारित कार्यक्रमों को छोड़ दिया था, ने बुधवार को उस कार्यक्रम से परहेज किया जहां उन्हें सीएम शिंदे के साथ एक ही मंच पर उपस्थित होना था. कहा जा रहा है कि, देवेंद्र फडणवीस ने किसी मेडिकल कंडीशन की वजह से अगले कुछ दिनों के लिए मुंबई से बाहर सभी अपॉइनमेंट्स (appointments) को रद्द कर दिया है जिसके कारण उन्हें हवाई यात्रा से बचने की सलाह दी गई है.
हालांकि, बुधवार को उन्हें एमएसआरटीसी (MSRTC) के प्लेटिनम जुबली समारोह में सीएम एकनाथ शिंदे के साथ मंच शेयर करना था, जिसमें वह शामिल नहीं हुए. इसके बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया कि गठबंधन के भीतर सब सही नहीं है.