देवेंद्र फडणवीस सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा में हासिल किया विश्वास मत, कैसे हुई वोटिंग?
Maharashtra News: महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के चयन के साथ-साथ फ्लोअर टेस्ट हुआ. चार विधायकों ने बहुमत के लिए फ्लोर पर प्रस्ताव रखा.
Devendra Fadnavis Government: देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने सोमवार (9 दिसंबर) को महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया. शिवसेना विधायक उदय सामंत समेत चार विधायकों की तरफ से पेश किए गए विश्वास प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया.
बीजेपी-शिवसेना-एनसीपी (महायुति) गठबंधन के पास 288 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 230 सीटों का बहुमत है. विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विधानसभा में कहा, ‘‘विश्वास मत बहुमत से पारित हो गया है. विधानसभा की कार्यवाही अब स्थगित की जाती है और आज महाराष्ट्र के राज्यपाल के अभिभाषण के बाद फिर से शुरू होगी.’’
देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा?
बीजेपी विधायक राहुल नार्वेकर को 15वीं महाराष्ट्र विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया. उन्हें निर्विरोध चुना गया क्योंकि विपक्षी गठबंधन महाविकास आघाड़ी (एमवीए) ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था. इसके बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बालासाहेब भारदे 1960 में महाराष्ट्र के गठन के बाद से दोबारा चुने जाने वाले एकमात्र विधानसभा अध्यक्ष थे. भारदे के बाद, नार्वेकर यह सम्मान पाने वाले विधानसभा के दूसरे सदस्य हैं.
उन्होंने बताया कि कुंदनमल फिरोदिया सदन के पहले अध्यक्ष थे जिन्हें दोबारा नियुक्त किया गया था, लेकिन यह बॉम्बे राज्य के समय की बात है और महाराष्ट्र के गठन से पहले सयाजी एल. सिलम को विधानसभा अध्यक्ष के रूप में चुना गया था और राज्य के अस्तित्व में आने के बाद उन्हें फिर से चुना गया. करीब ढाई साल तक 14वीं विधानसभा के अध्यक्ष रहे बीजेपी नेता नार्वेकर 20 नवंबर को हुए विधानसभा चुनाव में मुंबई की कोलाबा विधानसभा सीट से फिर से चुने गए हैं.
किन विधायकों ने रखा प्रस्ताव?
पांच दिसंबर को मुंबई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में आयोजित समारोह में फडणवीस ने तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी. महाराष्ट्र की 15वीं विधानसभा का कार्यकाल आधिकारिक तौर पर सात दिसंबर को शुरू हुआ. 288 सदस्यीय निचले सदन में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 230 सीटें हासिल कीं, इसलिए बहुमत साबित करना महज औपचारिकता थी.
शिवसेना नेता और पूर्व मंत्री उदय सामंत, बीजेपी विधायक संजय कुटे, वरिष्ठ एनसीपी नेता और पूर्व मंत्री दिलीप वल्से पाटिल और निर्दलीय विधायक रवि राणा ने निचले सदन में विश्वास मत का प्रस्ताव पेश किया. नार्वेकर की विधानसभा अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के बाद ‘महायुति’ गठबंधन के पास अब छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों सहित 229 विधायकों का समर्थन है.
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