NCP Symbol Name Row: अजित पवार की जीत पर देवेंद्र फडणवीस ने जताई खुशी, बोले- 'चुनाव आयोग 15 साल से ले रहा ऐसे ही फैसले'
Devendra Fadnavis on NCP Crisis: देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि उन्हें भरोसा था एनसीपी अजित पवार को ही मिलेगी, क्योंकि उनके पास बहुमत भी है और संगठन का साथ भी.
NCP Party Crisis: लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया और महाराष्ट्र की सियासत में हलचल तेज हो गई. चुनाव आयोग के इस फैसले के साथ पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह भी अजित पवार के पास आ गया है. इसी बीच महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान सामने आया है. उन्होंने अजित पवार को बधाई देते हुए कहा कि ये बहुत ही अपेक्षित निर्णय था. अगर आप बीते 10-15 साल में ऐसे मामलों में चुनाव आयोग के निर्णय देखें, तो वो इसी प्रकार के हैं. हम सबका विश्वास था कि एनसीपी अजित पवार को ही मिलेगी, क्योंकि उनके पास बहुमत और संगठन दोनों का साथ है.
उप मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 2019 में लोकतंत्र के साथ एक छलावा किया गया था. एक मैनडेट को तोड़ा गया था, जनता के साथ धोखा किया गया था. हालांकि, लोकतंत्र की क्या ताकत होती है यह चुनाव आयोग के निर्णय ने दिखा दिया है.
#WATCH ये बहुत ही अपेक्षित निर्णय था। अगर आप पिछले 10-15 साल में इस तरह के मामलों में चुनाव आयोग ने जो निर्णय दिए हैं, वे इसी प्रकार के निर्णय हैं। हमारा पूरा विश्वास था कि NCP अजित पवार को मिलेगी। उनके पास बहुमत और संगठन का साथ दोनों है: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र… pic.twitter.com/CfeUrcShQ4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 6, 2024
गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने शरद पवार को अपने नए राजनीतिक गठन का नाम रखने के लिए विशेष छूट दी है. 6 महीने से ज्यादा समय तक करीब 10 सुनवाइयों के बाद चुनाव आयोग इस नतीजे पर पहुंचा कि अजित पवार गुट को आधिकारिक एनसीपी माना जाएगा. पार्टी सिंबल घड़ी भी अजित पवार को मिल गया है.
जानकारी के लिए बता दें कि साल 2023 के 2 जुलाई को एनसीपी में विभाजन हुआ और अजित पवार अपने खेमे के विधायकों के साथ एनडीए में शामिल हो गए. उन्हें देवेंद्र फडणवीस के साथ महाराष्ट्र का उप मुख्यमंत्री बनाया गया. राकांपा से अलग होने के बाद अजित पवार ने पार्टी नाम और सिंबल पर दावा ठोक दिया और मामला चुनाव आयोग तक पहुंच गया.
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