Maharashtra: 'क्या इंदिरा और राजीव गांधी लोकतंत्र विरोधी थे'? जानें- देवेंद्र फडणवीस ने क्यों पूछा ये बड़ा सवाल
Devendra Fadnavis: नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर घमासान जारी है. विपक्ष ने ये ऐलान किया है कि वो नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल नहीं होंगे. इसपर अब देवेंद्र फडणवीस ने प्रतिक्रिया दी है.
New Parliament Building: पीएम मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. विपक्ष ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है. विपक्ष ने इस संबंध में एक पत्रक भी जारी किया है. देवेंद्र फडणवीस से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने करारा जवाब दिया. उन्होंने विरोधियों पर तंज कसते हुए कहा है कि पीलिया ग्रस्त व्यक्ति की तरह व्यवहार करना ठीक नहीं है.
क्या बोले देवेंद्र फडणवीस?
फडणवीस ने कहा, “लोकतंत्र में इस तरह का पीलियापूर्ण व्यवहार बेहद अनुचित है. नया संसद भवन देश का गौरव है. देश की ताकत इस बात से देखी जा सकती है कि इसे इतने कम समय में बनाया गया है. इस संसद भवन की भव्यता से भारत की ताकत दुनिया के सामने आई है. लेकिन जो लोग पीएम मोदी का विरोध करने के लिए उतावले हैं वे लोकतंत्र के मंदिर के उद्घाटन में भी नहीं जाते.
वे जो कारण बता रहे हैं वह हास्यास्पद है. इससे पहले 1975 में लोकसभा के एनएक्स भवन का उद्घाटन स्वर्गीय 'इंदिराजी' ने किया था. तो क्या यह लोकतंत्र विरोधी था? इससे पहले दिवंगत राजीव गांधी ने संसद के भव्य पुस्तकालय का भूमिपूजन किया था. क्या यह लोकतंत्र विरोधी था?" विपक्षी दलों द्वारा लिए गए निर्णय से पता चलता है कि वे लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं.
उद्धव ठाकरे पर निशाना
मुझे बहुत खुशी है कि केजरीवाल और उद्धव ठाकरे मिले और उन्हें एक दूसरे की जरूरत है. बीजेपी को हराने के लिए अरविंद केजरीवाल किसी के भी साथ जाने को तैयार हैं. उद्धव ठाकरे किसी के भी साथ बैठने को तैयार हैं. इससे वे बीजेपी की ताकत को समझ चुके हैं. ऐसा प्रयोग उन्होंने 2019 में भी किया है. यह प्रयोग विभिन्न विधानसभाओं में भी किया जा चुका है. हालांकि फडणवीस ने यह भी कहा है कि ऐसा प्रयोग तब भी सफल नहीं हुआ था और अब भी सफल नहीं होगा.
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