Devendra Fadnavis on Manmohan Singh Demise: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और दिग्गज नेता डॉ. मनमोहन सिंह ने गुरुवार (26 दिसंबर) को 92 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया. उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली. मनमोहन सिंह ने बतौर प्रधानमंत्री 10 साल तक देश की कमान बखूबी संभाली. इतना ही नहीं, वह ऐसे अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने भारत को गंभीर आर्थिक संकट से उबारने में बहुत बड़ा योगदान दिया. मनमोहन सिंह एक बेहतरीन राजनेता रहे, लेकिन उनके निधन के बाद भी उनके नाम पर राजनीति खत्म होने का नाम नहीं ले रही.
हालिया मामला महाराष्ट्र का है, जहां के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस पर वंशवाद का आरोप लगाते हुए यह दावा किया है कि पार्टी ने डॉ. मनमोहन सिंह का अपमान किया. वह भी इसलिए क्योंकि वह गांधी परिवार से नहीं आते थे. दरअसल, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "भारत के महान अर्थशास्त्री और राजनेता, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर पूरा देश शोक मना रहा है. हम सभी दुख में हैं, लेकिन इस बीच मुझे इस बात का भी दुख है कि उनकी मृत्यु के दौरान भी कांग्रेस गंदी राजनीति कर रही है."
'मनमोहन सिंह का पाकिस्तान ने किया अपमान, कांग्रेस चुप रही'
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि क्योंकि मनमोहन सिंह गांधी परिवार से नहीं आते थे, इसलिए कांग्रेस उनका अपमान करती रही. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, "हमने पहले भी ऐसे कई कद्दावर नेताओं का अपमान देखा है, सिर्फ इसलिए कि वे गांधी वंश से नहीं थे. हमने ऐसे मौके देखे हैं जब हमारे प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री द्वारा अपमानित किया गया, लेकिन कांग्रेस कभी भी उनके समर्थन में आगे नहीं आई."
पीवी नरसिम्हा राव और प्रणब मुखर्जी का भी किया जिक्र
राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "यहां तक कि उनके (मनमोहन सिंह) अयोग्यता अध्यादेश (Disqualification Ordinance) को भी राहुल गांधी ने फाड़ दिया था. ऐसे कई मौके आए जब सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने डॉ. मनमोहन सिंह जी का अपमान किया. न केवल मनमोहन सिंह, बल्कि दिवंगत पीवी नरसिम्हा राव, दिवंगत राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी अपनी ही पार्टी और राजवंश के नेताओं द्वारा इस तरह के अपमान से गुजरना पड़ा."
मुख्यमंत्री ने आगे लिखा, "यहां तक कि पीवी नरसिम्हा राव के पार्थिव शरीर को भी AICC मुख्यालय में नहीं जाने दिया गया. ये सभी घटनाएं हमें याद दिलाती रहती हैं कि वंशवादी राजनीति लोकतंत्र और संविधान के सार के संरक्षण के लिए कितनी खतरनाक है!"
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