केंद्रीय मंत्री नारायण राणे और उनके विधायक पुत्र नितेश राणे से दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व प्रबंधक दिशा सालियान मामले को लेकर कई घंटे पूछताछ चली. नारायण राणे और नितेश राणे दोनों ही अपने बयान दर्ज कराने मालवणी थाने पहुंचे थे.


सालियान के बारे में कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने और झूठी सूचना फैलाने के आरोप में नारायण राणे तथा नितेश के खिलाफ यह मामला दर्ज किया गया था. 


9 घंटे चली पूछताछ


भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता नारायण राणे और उनके बेटे करीब दो बजे पश्चिमी उपनगर में मालवणी थाना पहुंचे और लगभग नौ घंटे बाद रात करीब पौने 11 बजे वहां से निकले. मंत्री जब वहां पहुंचे तो उनके समर्थक भी थाने के बाहर जमा हो गये तथा नारेबाजी की.


मालवणी पुलिस ने नितेश राणे को एक नोटिस भेज कर बृहस्पतिवार को और उनके पिता को शुक्रवार को जांच अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने को कहा था. लेकिन उन्होंने अपने वकील के जरिये पुलिस को सूचना दी कि चूंकि राज्य विधानमंडल का सत्र चल रहा है और वे उक्त तारीखों को अपने कर्तव्यों के निर्वहन को प्राथमिकता देंगे तथा शनिवार को पुलिस के समक्ष उपस्थित होंगे.


10 मार्च तक गिरफ्तारी पर लगी रोक


यहां की एक अदालत ने पिता-पुत्र को शुक्रवार को 10 मार्च तक गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण दिया था. मालवणी पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, केंद्रीय मंत्री ने 19 फरवरी को संवाददाता सम्मेलन में कुछ टिप्पणी की थी, जहां उनके पुत्र भी उपस्थित थे. केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने 19 फरवरी को संवाददाता सम्मेलन के दौरान सालियान की मौत के बारे में कुछ दावे किये थे. इस दौरान नितेश भी मौजूद थे.


उल्लेखनीय है कि सुशांत का शव उपनगर बांद्रा स्थित उनके अपार्टमेंट से मिलने के छह दिन पहले सालियान ने आठ जून 2020 को उपनगर मलाड में एक बहुमंजिला इमारत से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.


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