Ajit Pawar VS Sharad Pawar: अजित पवार समेत कुछ विधायकों ने शिंदे-फडणवीस सरकार को समर्थन दिया है. इसके चलते एनसीपी में दो फाड़ हो गई है. इसके बाद ये मुद्दा उठ गया है कि असली राष्ट्रवादी कौन है. चुनाव आयोग ने बुधवार (26 जुलाई) को शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को नोटिस जारी किया है. यह नोटिस अजित पवार गुट की ओर से दायर याचिका पर जारी किया गया है. इस पर विधायक रोहित पवार ने टिप्पणी की है.


रोहित पवार से पूछा गया ये सवाल
विधानमंडल क्षेत्र में मीडिया से बात करते हुए रोहित पवार ने कहा, 'पिछले कुछ सालों में आम जनता की यह राय बन गई है कि चुनाव आयोग सत्ता में बैठे लोगों का पक्ष लेता है. चुनाव आयोग ने एक नोटिस जारी किया है और यह एक प्रक्रिया है. जैसे ही यह पूरा होगा, दोनों पक्षों के समूह बल और 'युद्धाभ्यास' करेंगे.


क्या बोले रोहित पवार?
रोहित पवार ने कहा, “लेकिन यह किसी को भी अंदाजा नहीं है कि चुनाव आयोग किसके पक्ष में फैसला करेगा. हम कोर्ट जाएंगे और लड़ाई लड़ेंगे.' लेकिन, आने वाले समय में लड़ते वक्त अगर कोई सिंबल नहीं भी मिले तो लोगों को खुद से पूछना चाहिए कि शरद पवार को कौन सा सिंबल मिलना चाहिए. उस प्रतीक को प्राप्त करने के बाद, यह भविष्यवाणी की गई है कि लोगों को ऐसे चुनाव का सामना करना पड़ेगा जो लोगों को विश्वास में लेगा. तो विचार प्रतीकों से अधिक महत्वपूर्ण हैं.


रोहित के प्रदर्शन पर अजित का रिएक्शन
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और बागी एनसीपी नेता अजित पवार ने सोमवार को मुंबई में विधान भवन के परिसर में अपने भतीजे और एनसीपी (शरद पवार) विधायक रोहित पवार के धरने पर असंतोष व्यक्त किया. रोहित अहमदनगर जिले में अपने कर्जत-जामखेड निर्वाचन क्षेत्र में एक औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) की मांग कर रहे थे. जब एनसीपी विधायक और शरद पवार के वफादार अनिल देशमुख ने विधानसभा में रोहित के विरोध का मुद्दा उठाया, तो उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मांग के संबंध में पत्र पहले से ही राज्य सरकार के पास है और जल्द ही सभी हितधारकों के साथ बैठक की जाएगी.


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