'अब यह मामला अदालत में है, कई लोग...', मराठा आरक्षण को लेकर CM एकनाथ शिंदे का बड़ा बयान
Maratha Reservation: मराठा रिजर्वेशन को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि दिए गए आरक्षण के अनुसार भर्तियां भी हो रही हैं. जस्टिस शिंदे समिति मराठवाड़ा में कुनबी प्रमाण पत्र पर काम कर रही है.

Eknath Shinde On Maratha Reservation: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी बिसात बिछने लगी है. मराठा आरक्षण का मामला भी चर्चा में है. इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसे लेकर पूछे गए सवाल पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि दिए गए आरक्षण के मुताबिक ही भर्तियां हो रही हैं.
सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, ''जैसा कि हमने कहा, ओबीसी या किसी अन्य समुदाय को वंचित किए बिना मराठा समुदाय को 10% आरक्षण दिया गया था. अब यह मामला अदालत में है, कई लोग कोशिश कर रहे हैं लेकिन अदालत ने उन्हें स्थगन नहीं दिया है.
बारामती: मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा, "जैसा कि हमने कहा, ओबीसी या किसी अन्य समुदाय को वंचित किए बिना मराठा समुदाय को 10% आरक्षण दिया गया था। अब यह मामला अदालत में है, कई लोग कोशिश कर रहे हैं लेकिन अदालत ने उन्हें स्थगन नहीं दिया है। दिए गए आरक्षण के… pic.twitter.com/bo8haUSb6S
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 14, 2024
सरकार कई मुद्दों पर काम कर रही- एकनाथ शिंदे
सीएम ने आगे कहा, ''दिए गए आरक्षण के अनुसार भर्तियां भी हो रही हैं. जस्टिस शिंदे समिति मराठवाड़ा में कुनबी प्रमाण पत्र पर काम कर रही है. सरकार कल की बैठक में सामने आए कई मुद्दों पर भी काम कर रही है."
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग कर रहे कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल लगातार चर्चा में रहे हैं. पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी में सीएम शिंदे ने मनोज जरांगे पाटिल से मुलाकात कर मराठा आंदोलन से जुड़े ड्राफ्ट की कॉपी दी थी. मराठा नेता मनोज जरांगे पाटिल ने कई आंदोलनों का नेतृत्व किया है.
इसकी शुरुआत अगस्त 2023 में भूख हड़ताल से हुई. और उसके बाद मराठा आरक्षण के लिए दबाव बनाने के लिए विरोध प्रदर्शन, रैलियां, नवी मुंबई तक लंबी पैदल यात्रा समेत कई तरह के हथकंडे अपनाए. राज्य की सरकार ने कई मांगों को स्वीकार किया लेकिन समझौते के अनुसार कुछ अन्य मांगों को अभी भी लागू किया जाना बाकी है.
महाराष्ट्र में मराठा की आबादी करीब 33 फीसदी है. मराठा समाज पिछले करीब 4 दशकों से नौकरियों और शिक्षा के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हैं. मनोज जरांगे ने मांग की कि मराठा समुदाय के लोगों को ओबीसी के तहत सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण दिया जाए. इसके अलावा, मराठों को कुनबी जाति प्रमाण-पत्र देने वाला एक सरकारी आदेश पारित किया जाए. साथ ही सरकार मराठा समुदाय के आर्थिक और सामाजिक पिछड़ेपन के सर्वे के लिए राशि दे और कई टीम गठित करे.
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