Maharashtra Political Crisis News: शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने, उनके समूह के 20 विधायकों के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले दल के संपर्क में होने के दावे को खारिज करते हुए मंगलवार को कहा कि वह जल्द ही मुंबई लौटेंगे. उन्होंने शिवसेना से उनके समूह के उन विधायकों से नाम का खुलासा करने को कहा, जो कथित रूप से पार्टी के संपर्क में हैं. शिंदे और उनके समूह के विधायक पिछले एक सप्ताह से यहां एक लग्जरी होटल में ठहरे हुए हैं. शिंदे ने होटल के बाहर कहा कि उनके पास 50 विधायकों का समर्थन है.
विधायक स्वेच्छा से यहां आए हैं- शिंदे
एकनाथ शिंदे ने कहा, "ये सभी विधायक हिंदुत्व को आगे ले जाने के लिए स्वेच्छा से यहां आए हैं." शिवसेना ने दावा किया है कि गुवाहाटी में शिंदे के साथ होटल में ठहरे हुए पार्टी के करीब 20 विधायक उसके संपर्क में है और वे महाराष्ट्र लौटना चाहते हैं. इसपर शिंदे ने कहा, "दूसरे पक्ष के कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि यहां कुछ विधायक उनके संपर्क में हैं. यदि ऐसा है, तो उन्हें उनका (विधायकों का) नाम बताना चाहिए." उन्होंने कहा, हमारा रुख स्पष्ट है. हमें दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के सपने वाली शिवसेना को आगे ले जाना है. हम हिंदुत्व की उनकी विचारधारा पर चलते रहेंगे.
सभी विधायक खुश और सकुशल हैं- केसरकर
एकनाथ शिंदे ने कहा कि शिवसेना के विधायक दीपक केसरकर बागी विधायकों की ओर से मीडिया से बात करेंगे और पत्रकारों को उनके अगले कदम के बारे में जानकारी देंगे. उन्होंने कहा, यहां मौजूद विधायकों को लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. सभी विधायक खुश और सकुशल हैं. कोई भी व्यक्तिगत लाभ के लिए यहां नहीं आया है. असम के गुवाहाटी में आने के बाद से शिंदे अधिकतर समय होटल में रहे हैं. वह मंगलवार को संक्षित बयान देने के लिए अपने दो निकट सहयोगियों के साथ उस होटल से बाहर आए, जहां वे डेरा डाले हुए हैं.
विधायक मुंबई में पार्टी के किसी नेता के संपर्क में नहीं
बागी खेमे में शामिल शिवसेना के मंत्री उदय सामंत ने कहा कि गुवाहाटी में मौजूदा कोई भी विधायक मुंबई में पार्टी के किसी नेता के संपर्क में नहीं है. सामंत ने पहले से रिकॉर्ड वीडियो के जरिए बयान दिया, "हम मुंबई में शिवसेना के किसी नेता के संपर्क में नहीं हैं. हम केवल एकनाथ शिंदे के संपर्क में हैं." उन्होंने कहा, किसी गलतफहमी की जरूरत नहीं है. हम स्वेच्छा से शिंदे के साथ यहां आए हैं, जिन्होंने बालासाहेब ठाकरे की हिंदुत्व की विचारधारा को ईमानदारी से आगे बढ़ाया है.