Maharashtra News: महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को कहा कि राज्य में बेमौसम बारिश को प्राकृतिक आपदा माना जाएगा ताकि प्रभावित किसानों को राहत दी जा सके. मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक बेमौसम बारिश को प्राकृतिक आपदा घोषित करने से प्रशासन को उन किसानों को राहत देने में मदद मिलेगी जिनकी फसल बेमौसम बारिश के कारण खराब हो गई है.


'5 दिनों तक लगातार बारिश मानी जाएगी प्राकृतिक आपदा'
महाराष्ट्र के कृषि मंत्री अब्दुल सत्तार ने मंत्रिमंडल की साप्ताहिक बैठक में हिस्सा लेने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘कम से कम पांच दिनों तक 10 मिमी की लगातार बारिश और 33 प्रतिशत से अधिक फसल का नुकसान उठाने वाले किसान सहायता के लिए पात्र होंगे. इस निर्णय से मापदंड के अभाव में किसान सहायता से वंचित नहीं रहेंगे.’’


नई रेत नीति को दी जाएगी मंजूरी
महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल ने रेत की नीलामी की प्रथा को समाप्त करने और एक नयी रेत नीति को मंजूरी देने का भी फैसला किया जिसमें रेत को सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराया जाएगा.


कचरे से बिजली उत्पादन परियोजना का भी हुआ फैसला
 मंत्रिमंडल ने नागपुर मेट्रो के दूसरे चरण के लिए संशोधित स्वीकृति दी जिसमें 43.8 किलोमीटर रेल नेटवर्क का निर्माण किया जाएगा. इस बैठक में मुंबई के देवनार डंपिंग ग्राउंड में कचरे से बिजली उत्पादन के लिए एक परियोजना स्थापित करने का भी निर्णय लिया गया है.


बता दें कि बेमौसम बारिश देश भर के किसानों के लिए पिछले कुछ सालों से आफत बनी हुई है. महाराष्ट्र में हर साल बेमौसम बारिश से होने वाले फसल नुकसान से किसानों के आत्महत्या करने के मामले भी सामने आते रहे हैं. बेमौसम बरसात से किसानों की फसल सड़ जाती है. इसके बाद फसल का नुकसान करने में काफी समय लग जाता है जिससे किसानों को भारी परेशानी से गुजरना पड़ता था. गौरतलब है कि पिछले महीने महाराष्ट्र में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से कई किसानों की फसल बर्बाद हो गई थी. विपक्ष ने मांग की थी कि राज्य सरकार प्रभावित किसानों को तत्काल राहत दे. 


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