मुंबई: महाराष्ट्र  (Maharashtra) की एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) सरकार ने राज्यपाल कोटे के तहत विधानपरिषद सदस्यों (MLS) के रूप में 12 लोगों को मनोनीत करने संबंधी तत्कालीन महा विकास आघाड़ी (Maha Vikas Aghadi) सरकार की सिफारिश वापस ले ली है.उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने दो साल पहले एमएलसी के रूप में मनोनीत करने के लिए 12 लोगों के नामों की सिफारिश की थी, लेकिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फाइल को मंजूरी नहीं दी थी. कला, साहित्य, सामाजिक कार्य आदि के क्षेत्र के लोग एमएलसी के रूप में मनोनीत होने के पात्र होते हैं. 


उद्धव ठाकरे सरकार ने किन लोगों के नाम की सिफारिश की थी


एमवीए ने जिन 12 लोगों का नाम एमएलसी बनाने के लिए भेजा था, उनमें अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर का नाम भी शामिल था. मातोंडकर कांग्रेस छोड़ने के बाद शिवसेना में शामिल हो गई थीं.उद्धव ठाकरे सरकार की ओर से एमएलसी नामित करने के लिए भेजी गई सूची में शिवसेना की ओर  से उर्मिला मातोंडकर के अलावा विजय करंजकर, नितिन बानुगड़े पाटील और चंद्रकांत रघुवंशी का नाम शामिल था. इसके अलावा एनसीपी के एकनाथ खडसे, राजू शेट्टी, यशपाल भिंगे और गायक आनंद शिंदे,कांग्रेस के रजनीताई पाटील, सचिन सावंत, अनिरुद्ध वांकर और मुजफ्फर हुसैन का नाम विधान परिषद में सदस्य के रूप में नामित करने के लिए भेजा गया था. 


राज्यपाल ने नहीं दी थी मंजूरी


एक अधिकारी ने रविवार को बताया कि शिंदे सरकार ने सिफारिश वापस लेने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा था. राज्यपाल ने नई सरकार के फैसले को स्वीकार कर लिया है.शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की सरकार ने दो साल पहले राज्यपाल को विधान परिषद में नामांकित करने के लिए 12 सदस्यों की यह सूची भेजी थी.लेकिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महा विकास अघाड़ी सरकार की इस सूची को मंजूरी नहीं दी थी.सूची को मंजूर कराने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनकी सरकार के मंत्रियों ने राज्यपाल से मुलाकात से मुलाकात भी की थी. 


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