Maharashtra News: महाराष्ट्र के दो जगहों, औरंगाबाद और उस्मानाबाद के नाम बदलने के पिछली उद्धव ठाकरे सरकार के फैसले पर शिंदे-फडणवीस सरकार ने फिलहाल रोक लगा दी है.  शिंदे फडणवीस सरकार नए सिरे से इस प्रस्ताव को कैबिनेट के सामने रखेंगी. जिस वक्त उद्धव ठाकरे सरकार ने फैसला लिया उससे पहले राज्यपाल सरकार को बहुमत साबित करने कब पत्र लिख चुके थे, इसलिए इस फैसले पर सवाल उठ रहे थे.


बता दें कि कुर्सी पर संकट के बीच पिछले महीने महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने जाते-जाते बड़ा फैसला लिया था, जिसमें औरंगाबाद शहर का नाम 'संभाजीनगर' रखने की स्वीकृति दी थी. वहीं उस्मानाबाद शहर का नाम 'धाराशिव' कर दिया गया था. नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम बदलकर स्वर्गीय डीबी पाटिल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए स्वीकृति दी गई थी. वहीं औरंगाबाद शहर का नाम बदलने को लेकर लंबे समय से मांग उठ रही थी.


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नाम बदलने पर हुई जबरदस्त सियासत


इससे पूर्व एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि "इन स्थानों का नाम बदलना एमवीए के कॉमन मिनिमम प्रोग्राम का हिस्सा नहीं था". उन्होंने कहा कि यह मुझे निर्णय लेने के बाद ही पता चला. यह बिना किसी पूर्व परामर्श के लिया गया था. प्रस्ताव पर कैबिनेट बैठक के दौरान हमारे लोगों द्वारा राय व्यक्त की गई थी. लेकिन निर्णय (तत्कालीन) मुख्यमंत्री (ठाकरे) का था." वहीं औरंगाबाद के लोकसभा सांसद और AIMIM नेता इम्तियाज जलील ने बीते दिनों कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार का यह दावा कि वह शहर का नाम संभाजीनगर रखने के कदम से अनजान थे, "हास्यास्पद" है.


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