Eknath Shinde On Ladki Bahin Yojana: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की 'माझी लाडकी बहिन' योजना को लेकर पक्ष और विपक्ष आमने सामने है. इस योजना को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. यहां तक ऐसी भी अटकलें हैं कि ये योजना बंद हो जाएगी. इसे लेकर अब प्रदेश के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने भरोसा देते हुए कहा है कि इसका लाभ सभी पात्र बहनों को मिलेगा.


महाराष्ट्र के सीएम शिंदे ने सोशल मीडिया X पर लिखा, ''मैंने रिपोर्ट देखी कि मेरी बहनें मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना के खाते की केवाईसी कराने के लिए रात से ही बैंक के सामने कतार में खड़ी हैं. मैं अपनी बहनों से फिर कहता हूं, अनावश्यक जल्दबाजी करके अपने आप को परेशान मत करो. इस योजना का लाभ सभी पात्र बहनों को मिलेगा. इस योजना की देखरेख आपके भाई खुद कर रहे हैं. चिंता मत करो.''


उन्होंने ये भी लिखा, ''भले ही आप इस योजना पर विश्वास करते हों लेकिन कुछ लोगों को इस योजना पर संदेह है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर आप हमें ताकत देंगे तो हम इस योजना को 1500 से बढ़ाकर 2000 या उससे भी ज्यादा कर देंगे. सरकार द्वारा शुरू की गई किसी भी योजना को बंद नहीं होने दिया जाएगा.''


डिप्टी सीएम फडणवीस ने क्या कहा?


महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा, "विपक्षी दल बजट का अध्ययन नहीं करते हैं, न ही वे समझते हैं कि धन कैसे आवंटित और उपयोग किया जाता है. वे केवल आरोप लगाना जानते हैं. हमने लाडली बहन योजना के लिए सभी धनराशि अलग से आवंटित की है. बजट में हमने किसी भी अन्य योजना से समझौता नहीं किया है. लाडली बहन योजना सहित राज्य की सभी योजनाएं सुचारू रूप से चल रही हैं.''


लाडकी बहिन योजना के लिए अलग से धन आवंटित- फडणवीस


इससे पहले भी महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्ष यह दावा करके लोगों को गुमराह कर रहा है कि दलितों, आदिवासियों और किसानों के कल्याण के लिए निर्धारित धन को लाडकी बहिन योजना के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा, 'यह सच नहीं है. लाडकी बहिन योजना के लिए अलग से धन आवंटित किया गया है. यह योजना बंद नहीं होगी. यह जारी रहेगी.'


बता दें कि कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 'मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना' शुरू की थी, जिसके तहत सभी महिलाओं को 1500 रुपये प्रति महीने दिए जा रहे हैं. 


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