Shiv Sena vs Shiv Sena Verdict: महाराष्ट्र में लंबे समय से चल रहा विधयाक अयोग्यता के मामले पर बुधवार को विराम लगा जब विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने शिंदे गुट के पक्ष में फैसला लिया. स्पीकर ने अपने फैसले में शिवसेना के शिंदे गुट को असली पार्टी बताया और इसी के साथ एकनाथ शिंदे की सीएम कुर्सी बच गई. हालांकि, स्पीकर के इस फैसले से उद्धव गुट समेत अन्य विपक्षी दल खुश नहीं हैं और लगातार विरोध कर रहे हैं. महाविकास अघाड़ी ने तो इसे 'लोकतंत्र की हत्या' करार दिया है.
अब इन विरोध के स्वरों के बीच शिंदे सरकार के राज्य उत्पादन शुल्क मंत्री संभुराजे देसाई की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने स्पीकर के फैसले का विरोध करने वालों के सामने सवाल खड़े किए उन्होंने कहा कि उद्धव गुट के अनुसार अगर लोकतंत्र की हत्या की गई है तो ये बताएं कि साल 2019 में शिवसेना और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था, उस वक्त शिवसेना के नेताओं के नाम पर बीजेपी को और इसी तरह बीजेपी नेताओं के नाम पर शिवसेना के उम्मीदारों को वोट दिए गए थे. जनादेश शिवसेना और बीजेपी के लिए था लेकिन जनता के फैसले के खिलाफ जाने का काम किसने किया? तब शिवसेना यूबीटी के नेता ने महाविकास अघाड़ी के साथ गठबंधन कर लोकतंत्र की हत्या की थी.
राहुल नार्वेकर के किलाफ अपशब्द कहे जाने पर भड़के महाराष्ट्र के मंत्री
शिंदे सरकार के मंत्री ने कहा कि उन्होंने भी यह कहा था कि आदित्य ठाकरे और संजय राउत दोनों नेताओं ने विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को लेकर आपत्तिजनक शब्द कहे थे. इसीलिए हम भी उन दोनों के खिलाफ हक्कभंग (उल्लंघन) प्रस्ताव लाने का विचार कर रहे हैं.
क्या विधानसभा अध्यक्ष का फैसला 'मैच फिक्सिंग' था?
गौरतलब है कि राहुल नार्वेकर के फैसले को उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने 'मैच फिक्सिंग' करार दिया था. इस पर अब शिंदे गुट के नेता संभुराजे देसाई ने कहा कि अगर यह मैच फिक्सिंग होता तो UBT के 14 विधायक अयोग्य करार दिए जाते. विधानसभा अध्यक्ष ने संविधान के दायरे में रहकर अपना फैसला सुनाया है.
रामलाल प्राण प्रतिष्ठा का न्योता पाने वाले 'सौभाग्यशाली'
संभुराजे देसाई ने कहा कि भगवान श्रीराम सभी के हैं. प्राण प्रतिष्ठा समारोह पूरे देश के लिए है. अगर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए किसी राजनीतिक दल को न्योता भेजा जाता है तो जाति-पाति और पार्टी लाइन से ऊपर उठकर संबंधित व्यक्ति को रामलाल का आशीर्वाद लेने के लिए जाना चाहिए. प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए ये कहना कि ये किसी पार्टी विशेष का कार्यक्रम है, ये गलत है. जिन्हें प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए न्योता भेजा गया है वो भाग्यवान हैं.