एकनाथ शिंदे का शिवसेना पर तंज, कहा- आतंकियों के प्रति सहानुभूति से बेहतर है प्रधानमंत्री का ‘एजेंट’ होना
मुंबई के कब्रिस्तान में मेमन की कब्र के रखरखाव को लेकर उद्धव ठाकरे और बीजेपी के नेतृत्व में शिवसेना गुट के बीच बहस जारी है.
Yakub Memon Row: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि याकूब (मेमन) के प्रति सहानुभूति रखने से बेहतर है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का ‘एजेंट’ कहा जाए, जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया. मेमन को 1993 के मुंबई बम धमाकों में उसकी भूमिका के लिए 2015 में फांसी दी गई थी.
मध्य महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के पैठण में एक रैली को संबोधित करते हुए शिंदे ने यह बात कही. उन्होंने शिवसेना के उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले धड़े पर यह दावा करते हुए हमला किया कि पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे के सपने को पूरा करने वाले लोगों का ‘एजेंट’ बनना बेहतर है.
मुंबई के एक कब्रिस्तान में मेमन की कब्र के रखरखाव को लेकर उसके अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व में शिवसेना गुट के बीच वाकयुद्ध चल रहा है. शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट की सहयोगी BJP ने दावा किया है कि मेमन की कब्र का “सौंदर्यीकरण” पूर्ववर्ती ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार (नवंबर 2019-जून 2022) के कार्यकाल के दौरान हुआ था. पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री से माफी की मांग की है.
शिंदे ने कहा, “इसकी जांच होनी चाहिए कि याकूब मेमन की कब्र का सौंदर्यीकरण किसके कार्यकाल में हुआ. आरोप लगाया जा रहा है कि हम प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं. याकूब मेमन के एजेंट होने के बजाय बालासाहेब ठाकरे के सपने को पूरा करने वालों का एजेंट बनना बेहतर है जिन्होंने अनुच्छेद 370 (जो जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा प्रदान करता था) को रद्द कर दिया.”
सामना में छपे लेख को शिंदे ने किया खारिज
उन्होंने शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में छपे उस लेख को भी खारिज किया जिसमें कहा गया था कि BJP “मुंबई से मराठी लोगों को खत्म करने” के लिए काम कर रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह आरोप लगाया जा रहा है कि BJP मुंबई से मराठियों को खत्म करने के लिए हमारा इस्तेमाल कर रही है. इसे छापने वाले 'सामना' को इस पर एक विश्लेषण भी प्रकाशित करना चाहिए कि मराठी भाषी लोग मुंबई से बाहर क्यों गए.”
उन्होंने कहा कि शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनावों में BJP के साथ गठबंधन में वोट मांगा था और यह आत्मनिरीक्षण करने का समय है कि किसने हिंदुत्व की विचारधारा और मतदाताओं को 'धोखा' दिया.
शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद अपने चुनाव पूर्व गठबंधन सहयोगी BJP से नाता तोड़ लिया था और एमवीए सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ हाथ मिलाया था. अपने दौरे के दौरान शिंदे ने पैठण में प्रख्यात संत एकनाथ मंदिर में प्रार्थना भी की.