Eknath Shinde vs Uddhav Thackeray: महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना के विधायक संजय शिरसाट ने गुरूवार को दावा किया कि महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने वाले विधायकों को पिछले साल जून में कोई व्हिप नहीं मिला था. शिवसेना (यूबीटी) के नेता और पार्टी के मुख्य सचेतक सुनील प्रभु से लगातार तीसरे दिन हुई जिरह के बाद पत्रकारों से बात करते हुए शिरसाट ने प्रतिद्वंद्वी गुट पर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के समक्ष निर्णय के लिए लंबित अयोग्यता याचिकाओं की सुनवाई में देरी करने की कोशिश का आरोप लगाया.
क्या कुछ बोले शिवसेना विधायक?
संजय शिरसाट ने कहा, ‘‘ व्हिप जारी करने पर सुनील प्रभु द्वारा (जिरह के दौरान) दिया गया स्पष्टीकरण संतोषजनक नहीं था. उन्होंने मेल या व्हाट्सएप पर जारी व्हिप पर कोई सबूत नहीं दिया है. मुझे भी कोई व्हिप नहीं मिला है.’’ प्रभु ने दावा किया है कि उन्होंने तत्कालीन अविभाजित शिवसेना के सभी विधायकों को पिछले साल जून में एक बैठक में भाग लेने के लिए व्हिप जारी किया था. शिरसाट उन 16 विधायकों में से एक हैं जिनके खिलाफ पिछले साल अयोग्यता याचिका दायर की गई थी. इस मामले की सुनवाई सोमवार को भी जारी रहेगी. मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित शिवसेना के 40 विधायकों ने पिछले साल जून में ठाकरे के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने हस्तक्षेप किया और स्पीकर नारवेकर को 31 दिसंबर तक बागी सेना विधायकों की अयोग्यता पर फैसला देने का निर्देश दिया. शीर्ष अदालत ने दायर याचिकाओं पर निर्णय लेने में देरी के लिए स्पीकर की कड़ी आलोचना की. ठाकरे गुट सीएम शिंदे और उनके प्रति वफादार कई विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग कर रहा है. कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि स्पीकर शीर्ष अदालत के आदेश की अवहेलना नहीं कर सकते.