Eknath Shinde Latest News: महाराष्ट्र में पालक मंत्री की नियुक्ति को लेकर महायुति में पर्दे के पीछे राजनीतिक हलचल चरम पर पहुंच गया है. उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने संरक्षक मंत्रियों की सूची घोषित होने के बाद बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व के समक्ष सख्त नाराजगी जताई है. महायुति में जारी घमासान का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि विदेश में मौजूद सीएम देवेंद्र फडणवीस को तत्काल एक आदेश जारी कर रायगढ़ और नासिक जिलों के पालक मंत्री को हटाना पड़ा. 


देवेंद्र फडणवीस द्वारा विश्वासपात्र और बीजेपी के संकटमोचक कहे जाने वाले गिरीश महाजन जैसे कद्दावर नेता की नियुक्ति को स्थगित करने से सियासी हलकों में चर्चा तेज हो गई है. बताया जा रहा है कि संरक्षक मंत्रियों की सूची घोषित करने से पहले सीएम ने मंजूरी के लिए बीजेपी नेतृत्व के पास दिल्ली भेजी थी.


इस सूची की घोषणा सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दावोस रवाना होने से पहले की थी लेकिन इस फैसले का नासिक और रायगढ़ में बड़ा सियासी असर देखने को मिला. हमेशा अपने फैसले पर अडिग रहने वाले देवेंद्र फडणवीस को तत्काल आदेश जारी कर नासिक और रायगढ़ के संरक्षक मंत्री को हटाना पड़ा. वहीं, पालक मंत्री पद के आवंटन से नाराज एकनाथ शिंदे अपने पैतृक गांव सतारा दौरे पर चले गए हैं.


दरअसल, शिवसेना शिंदे गुट के 20 विधायकों के टूटने की चर्चा ने सारी एकनाथ शिंदे की बेचैनी बढ़ा दी है. चर्चा यह है कि उदय सामंत के नेतृत्व वाले शिंदे गुट के 20 विधायकों का एक गुट बीजेपी में शामिल हो सकता है.


यह मामला तूल पकड़ने के बाद बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले और गिरीश महाजन ने सतारा के दरे गांव जाकर एकनाथ शिंदे से इस मसले पर बातचीत की है. उसके बाद से महायुति के नेता सब कुछ ठीक होने की बात कह रहे हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि पर्दे के पीछे सियासी हलचल अब भी जारी है. 


सीएम के फैसले से एकनाथ शिंदे नाराज?


बताया जा रहा है कि देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने के बाद से एकनाथ शिंदे गुट की बेचैनी बढ़ गई है. फिर, हाल ही में सीएम देवेंद्र फडणवीस ने एसटी महामंडल में वित्तीय अनियमितताओं को संज्ञान में लेते हुए एसटी बसों की खरीद के लिए जारी टेंडर को रद्द कर दिया था उन्होंने मामले की जांच के भी आदेश दिए थे.  इसके बाद शिंदे गुट के कैबिनेट मंत्री बनाए गए संजय शिरसाट को सिडको के चेयरमैन पद से तुरंत इस्तीफा देने का आदेश भी दिया था. एकनाथ शिंदे सीएम के इन फैसलों से भी बेहद परेशान हैं


क्या है मामला?


बता दें कि डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे रायगढ़ और नासिक जिलों के संरक्षक मंत्री का पद पाने की जिद पर अड़े थे, लेकिन, नियुक्ति पत्र न मिलने पर शिंदे परेशान हो गए. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने एकनाथ शिंदे से चर्चा के बाद मीडिया से बातचीत में पालक मंत्री पद को लेकर अपनी स्थिति साफ की थी. 


उन्होंने कहा था कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अजित को कोंकण के किसी भी जिले में पालक मंत्री का पद नहीं मिला, इसलिए अदिति तटकरे को रायगढ़ का पालक मंत्री का पद दिया गया. बीजेपी का अब भी कहना है कि जिले के संरक्षक मंत्री का पद गिरीश महाजन के पास ही रहना चाहिए, क्योंकि आने वाले दिनों में नासिक में सिंहस्थ कुंभ मेला लगने वाला है.


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