Maharashtra News: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इस वीडियो में वो महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ नाना पटोल से बातचीत करते हुए दिख रहे हैं. इस वीडियो को महाराष्ट्र कांग्रेस ने भी शेयर किया और सवाल किया कि अगर कल को जारांगे पाटिल मर गए तो क्या मुख्यमंत्री जिम्मेदार होंगे? 


वायरल वीडियो में क्या है?


दरअसल, विधानमंडल का बजट सत्र मंगलवार (26 फरवरी) से शुरू हुआ. इस दौरान विधान भवन के परिसर में सीएम शिंदे और नाना पटोले की मुलाकात हुई. दोनों नेताओं के बीच बातचीत होने लगी. एबीपी माझा के मुताबिक, नाना पटोले ने सीएम शिंदे से पूछा कि क्या चल रहा है. इस पर सीएम शिंदे ने जवाब दिया, "अगर लिमिट से बाहर गया तो कार्यक्रम बना दिया जाएगा." इस पर महाराष्ट्र कांग्रेस चीफ ने प्रतिक्रिया दी. इसके बाद सीएम शिंदे ने कहा, "ये तब तक ठीक था जब ये सामाजिक कार्यकर्ता था." सीएम एकनाथ शिंदे के इस बयान को मनोज जरांगे से जोड़कर देखा गया.






मनोज जरांगे ने खत्म किया अनशन


इस बीच मनोज जरांगे ने सोमवार को घोषणा की कि वह मराठा आरक्षण मुद्दे पर अपना 17 दिन से जारी अनशन वापस ले रहे हैं.  जरांगे ने हालांकि कहा कि वह अपना आंदोलन तब तक जारी रखेंगे जब तक कि महाराष्ट्र सरकार उन लोगों के विस्तारित परिवार के सदस्यों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करना शुरू नहीं कर देती, जिनके पास पहले से ही ऐसे दस्तावेज हैं और जिससे उन्हें आरक्षण का लाभ मिल सके. 


मनोज जरांगे का यह फैसला मराठा समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण से संबंधित अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए मुंबई तक मार्च की घोषणा के एक दिन बाद आया है जबकि मुंबई में राज्य विधानमंडल का बजट सत्र भी शुरू होने जा रहा है. पिछले हफ्ते, राज्य विधानमंडल के दोनों सदनों ने शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए 10 प्रतिशत अलग से आरक्षण प्रदान करने वाला एक विधेयक सर्वसम्मति से पारित किया. जरांगे जालना जिले के अंतरवाली सरती गांव में 10 फरवरी से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे और ओबीसी श्रेणी के तहत मराठा आरक्षण की मांग पर अड़े रहे. मराठा आरक्षण कार्यकर्ता ने कहा, ‘‘मैं आज अपना आंदोलन (भूख हड़ताल) स्थगित कर रहा हूं, लेकिन 3-4 युवा ऐसे होंगे जो हमारी मांगों के लिए हर दिन यहां बैठेंगे और अनशन करेंगे. मैं कुछ गांवों का दौरा भी करूंगा और उन्हें अपना पक्ष समझाऊंगा. गृह विभाग द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के कारण वे यहां (अंतरवाली सरती गांव में) मुझसे मिलने नहीं आ सके.’’


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