Maharashtra News: निर्वाचन आयोग (Election Commission)  ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रतिद्वंद्वी गुटों को 6 अक्टूबर को सुनवाई के लिए बुलाया है. सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. अजित पवार (Ajit Pawar) के नेतृत्व वाले गुट ने एनसीपी नेता शरद पवार (Sharad Pawar) के खिलाफ बगावत कर दी थी. इसके बाद अजित पवार और आठ अन्य विधायक सरकार में शामिल हो गए थे.


सरकार में शामिल होने के बाद अजित पवार के गुट ने पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न पर दावा करते हुए निर्वाचन आयोग का रुख किया था. सूत्रों ने बताया कि रिकॉर्ड पर उपलब्ध पूरी जानकारी पर उचित विचार करने के बाद आयोग इस निष्कर्ष पर पहुंचा है कि एनसीपी में दो प्रतिद्वंद्वी गुट हैं जिसमें एक का नेतृत्व शरद पवार और दूसरे का नेतृत्व अजित पवार कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि चूंकि प्रत्येक गुट पार्टी होने का दावा कर रहा है, इसलिए इस मामले में चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश 1968 के पैरा 15 के तहत आयोग द्वारा निर्धारण की जरूरत है.


इस नियम के तहत होगी सुनवाई
चुनाव आयोग ने दोनों समूहों को कहा है कि वे 6 अक्टूबर को मामले में सुनवाई के लिए व्यक्तिगत रूप से आएं या फिर अपने अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से उपस्थित दर्ज कराएं. उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि आयोग अब चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश के पैरा 15 के तहत सुनवाई शुरू करेगा. बता दें कि अजित पवार ने न केवल पार्टी पर अपना दावा किया था बल्कि अपने चाचा शरद पवार को सन्यास लेने तक का सुझाव दे दिया था. जिसके बाद पवार परिवार के भीतर काफी तकरार देखने को मिली थी और शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने अपने भाई को आड़े हाथों लिया था. हालांकि इस तकरार के बीच अजित पवार ने सरकार में दो महीने पूरे कर लिए हैं.


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