Fake Pathology Lab in Maharashtra: महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार ने फर्जी पैथोलॉजी लैब पर कार्रवाई करने के लिए एक कानून का मसौदा तैयार किया है जिसमें  उल्लंघनकर्ताओं को दंड दिया जाएगा. राज्य विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री सामंत ने कहा कि प्रस्तावित कानून में उचित नियम और विनियमन होंगे और उल्लंघन की जांच के लिए उड़न दस्ते गठित किए जाएंगे.


क्या बोले आशीष शेलार?
उन्होंने कहा कि गैर-पंजीकृत पैथोलॉजी लैब को संचालित नहीं होने दिया जाएगा. बीजेपी के विधायक आशीष शेलार ने कहा कि फर्जी पैथोलॉजी लैब पैसा लूट रही हैं और लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ कर रही हैं.


राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक राजेश टोपे ने कहा कि अगर राज्य सरकार जल्द नया कानून लागू नहीं कर पाती तो नर्सिंग होम कानून में संशोधन किया जाना चाहिए. इस पर मंत्री ने कहा कि नए कानून का मसौदा तैयार है और अगर आवश्यकता पड़ी तो नर्सिंग होम कानून में भी संशोधन किया जाएगा. यह चर्चा बीजेपी विधायक सुनील राणे के उस सवाल पर हुई जिसमें मुंबई में पैथोलॉजी लैब की संख्या के बारे में आंकड़ें पूछे गए थे.


उन्होंने सरकार के इस जवाब पर हैरानी जतायी कि मुंबई महानगरपालिका कानून, 1888 के मौजूदा नियमों के तहत पैथोलॉजी लैब के पंजीकरण के लिए कोई प्रावधान नहीं है.


प्रस्तावित कानून के अनुसार प्रयोगशाला की पंजीकरण अवधि तीन वर्ष के लिए वैध होगी और उक्त पंजीकरण पारदर्शी तरीके से ऑनलाइन किया जाना चाहिए. नगरपालिका क्षेत्रों में चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी, अन्य शहरी क्षेत्रों में जिला शल्य चिकित्सक और ग्रामीण क्षेत्रों में जिला स्वास्थ्य अधिकारी ऐसे पंजीकरण के लिए उपयुक्त प्राधिकारी होंगे. प्रत्येक प्रयोगशाला का उचित प्राधिकारी द्वारा वर्ष में दो बार निरीक्षण किया जाना चाहिए.


प्रस्तावित कानून के अनुसार निरीक्षण के दौरान कदाचार या त्रुटि पाए जाने की स्थिति में प्रयोगशाला का पंजीकरण तब तक निलंबित किया जाना चाहिए जब तक कि कदाचार या त्रुटि को ठीक नहीं कर लिया जाता.


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