Maharashtra News: महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने कहा था कि नासिक में हमें प्याज ने रुलाया, मराठवाड़ा और विदर्भ में सोयाबीन और कपास ने रुलाया. उन्होंने यह बात लोकसभा चुनाव के नतीजों के संबंध में कही थी. अब डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar)  ने भी स्वीकार किया कि महायुति के खराब प्रदर्शन के कारणों में प्याज के कम दाम समेत इससे जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर किसानों में पनपा असंतोष भी शामिल रहा.


डिप्टी सीएम पवार ने कहा कि गठबंधन को नासिक समेत राज्य के प्याज उत्पादन क्षेत्र में किसानों के असंतोष की कीमत चुकानी पड़ी और वहां सत्तारूढ़ गठबंधन का प्रदर्शन खराब रहा. सीएम शिंदे ने भी तीन दिन पहले माना था कि किसानों की नाराजगी महायुति गठबंधन के खराब प्रदर्शन का कारण रही. अजित पवार ने यकहा कि वे प्याज के लिए समर्थन मूल्य की जरूरत के बारे में लगातार बोल रहे थे और किसानों तथा उपभोक्ताओं, दोनों के हितों का ध्यान रखा जाना चाहिए.


लोकसभा चुनाव में हमने चुकाई कीमत- अजित पवार
उन्होंने कहा, ‘‘नई दिल्ली की यात्रा के दौरान हमने केंद्रीय वाणिजय मंत्री पीयूष गोयल, सहकारिता मंत्री अमित भाई शाह को प्याज के कारण (महायुति की हुई चुनावी) हार के बारे में बताया. राज्य में प्याज के किसानों के बीच भारी नाराजगी थी और हमें लोकसभा चुनाव में उसकी कीमत चुकानी पड़ी.'' उन्होंने कहा कि महायुति को जलगांव और रावेर को छोड़कर प्याज उत्पादक पट्टी के सभी लोकसभा क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा.


प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से नाराज थे किसान
खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र द्वारा पिछले साल दिसंबर में प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के कारण किसानों ने, खासकर नासिक क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रतिबंध के कारण प्याज के दाम घट गए. अंततः मई की शुरुआत में प्रतिबंध हटा लिया गया था. लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में महायुति के घटक भाजपा, शिवसेना और राकांपा ने क्रमश: नौ, सात और एक सीट जीती.


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