Mumbai: जानवरों के टकराने के हादसे पर लगेगी लगाम, मुंबई-अहमदाबाद रूट पर फेंसिंग का काम शुरू
Mumbai News: पश्चिमी रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस परियोजना में 245.26 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. फेंसिंग के लिए आठ ठेके जारी किए गए हैं. चार से पांच महीनों में फेंसिंग का काम पूरा हो जाएगा.
Mumbai News: ट्रैक पर मवेशियों के आने से होने वाले हादसों को रोकने के लिए पश्चिम रेलवे (WR) ने 620 किमी से अधिक लंबे मुंबई-अहमदाबाद ट्रंक रूट पर मेटल फेंसिंग लगाने का काम शुरू कर दिया है. पश्चिमी रेलवे के मुख्य प्रवक्ता सुमित ठाकुर ने बुधवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि वड़ोदरा मंडल के तहत अंकलेश्वर-भरूच खंच पर व्यस्त मार्ग पर मेटल बीम की बाड़ लगाने का काम शुरू हो गया है और यह काम तेजी से चल रहा है.
वंदे भारत शुरू होने के बाद हुईं कई घटनाएं
बता दें कि पिछले साल 30 सितंबर को इस रूट पर पीएम मोदी द्वारा मुंबई से गांधीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेन सेवा की लॉन्चिंग के बाद इस रूट पर पशुओं के मारे जाने की कई घटनाएं हुई हैं, जिसके मद्देनजर पश्चिमी रेलवे ने ट्रैक से पशुओं को दूर रखने के लिए मेटल की फेंसिंग करने का फैसला किया था. पश्चिमी रेलवे के प्रवक्ता सुमित ठाकुर ने कहा कि मेटल फेंसिंग से 622 किमी लंबे रूट को कवर किया जाएगा और इस परियोजना में 245.26 करोड़ रुपए का खर्च आएगा.
'4 से 5 महीनों में पूरा हो जाएगा फेंसिंग का काम'
उन्होंने कहा कि फेंसिंग के लिए आठ ठेके जारी कर दिए गए हैं और फेंसिंग का काम पूरी रफ्तार के साथ जारी है. आने वाले 4 से 5 महीनों में फेंसिंग का काम पूरा हो जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट के पूरा हो जाने के बाद पशुओं के रेलवे ट्रैक पर जाने से रोक लगेगी और ट्रेनों का संचालन सुचारू रूप से किया जा सकेगा. पश्चिमी रेलवे के मुंबई स्थित मुख्यालय ने बताया कि वे फेंसिंग के लिए कंक्रीट की दीवार की बजाय वे स्टील से बनी रेलिंग का इस्तेमाल कर रहे हैं जो काफी मजबूत होती है और इसका इस्तेमाल सुरक्षा की दृष्टि से दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में किया जाता है.
पश्चिमी रेलवे ने कहा कि पशुओं के पटरी पर आ जाने से ट्रेनों का संचालन बुरी तरह प्रभावित होता है और इनसे होने वाली दुर्घटनाओं के कारण रेलवे की संपत्ति को भारी नुकसान होता है. पश्चिमी रेलवे ने चरवाहों से अपने पशुओं को पटरी के आसपास न चराने की भी अपील की है.
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