Maharashtra Weather: बेमौसम बारिश से महाराष्ट्र के पांच जिले प्रभावित, सीएम शिंदे ने दिए फसल नुकसान का आकलन करने के आदेश
Maharashtra Rain: फसल कटाई से ठीक पहले बेमौसम बारिश ने महाराष्ट्र के पांच जिलों में फसलों को नुकसान पहुंचाया है, सीएम ने किसानों को नुकसान का पंचनामा करने के निर्देश दिये हैं.
Rain In Maharashtra: महाराष्ट्र (Maharashtra) के कम से कम पांच जिलों में फसलों की कटाई के मौसम से ठीक पहले तेज हवाओं के साथ बेमौसम बारिश (Unseasonal Rains) की वजह से खड़ी हुई फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को यह बात कही. एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि मुख्यमंत्री ने स्थिति का जायजा लिया है और अधिकारियों को पंचनामा या किसानों को हुए नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया है.
बारिश से फसलों को हुआ नुकसान
विज्ञप्ति में कहा गया है कि बेमौसम बरसात की वजब से महाराष्ट्र के कुछ जिलों में खड़ी हुई फसलों को नुकसान पहुंचा है. मुख्यमंत्री शिंदे ने कहा बारिश से प्रभावित जिलों में ठाणे, पालघर के अलावा वाशिम, नासिक और औरंगाबाद जिलों के कुछ हिस्से शामिल हैं, जहां बारिश और तेज हवाओं की वजह से फसलों को नुकसान पहुंचा है. स्थिति का जायजा लेते हुए सीएम शिंदे ने कहा कि ऐसे हालातों में किसानों को राहत और विश्वास दिया जाना चाहिये, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की हरसंभव मदद के लिए खड़ी है.
सीएम ने दिए नुकसान का पंचनामा कराने के निर्देश
उन्होंने राजस्व विभाग को किसानों को हुए नुकसान का तुरंत पंचनामा कराने के निर्देश दिए. सीएम ने कहा कि पूर्वानुमान के अनुसार मुंबई, ठाणे और महाराष्ट्र के अन्य जिलों में बेमौसम बारिश की संभावना है, उन्होंने कहा कि प्रशासन को स्थिति से निपटने के निर्देश दिए गए हैं.
होली के दिन बारिश से मौसम हुआ सुहाना
मंगलवार के दिन मुंबई में हुई बारिश के कारण मौसम सुहावना हो गया. होली के बीच लोगों ने बारिश का जमकर आनंद लिया. हालांकि काम पर जाने वाले लोगों को आंधी-बारिश की वजह से दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा. बता दें कि महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में पिछले दो दिनों से बिजली गिरने के साथ-साथ बेमौसम बारिश भी हुई है, तेज हवाओं और गरज के साथ हुई बारिश के बीच लोगों को बिजली कटौती की समस्या का भी सामना करना पड़ा है. आईएमडी के एक अधिकारी ने कहा कि बारिश का यह दौरा दक्षिण कोंकण से मध्य छत्तीसगढ़ तक निचले क्षोभमंडल स्तरों पर चलने वाली एक ट्रफ की वजह से हुई है.
यह भी पढ़ें: