![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
Maharashtra: कोर्ट ने सुनाई अनोखी सजा- रोजाना दो पेड़ लगाने और पांच बार नमाज अदा करने का आदेश
Nashik Court: 30 साल के रऊफ खान पर साल 2010 के एक मामले में एक व्यक्ति पर हमला करने और सड़क दुर्घटना के बाद विवाद में उसे चोट पहुंचाने का आरोप लगाया गया था. अदालत ने उसे दोषी ठहराया.
![Maharashtra: कोर्ट ने सुनाई अनोखी सजा- रोजाना दो पेड़ लगाने और पांच बार नमाज अदा करने का आदेश five time namaz two plant daily Nashik Court Gave Unique Decision Maharashtra Maharashtra: कोर्ट ने सुनाई अनोखी सजा- रोजाना दो पेड़ लगाने और पांच बार नमाज अदा करने का आदेश](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/03/01/e92625ede96b20899011eec5d96e383e1677669878634129_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Nashik Court Unique Decision: महाराष्ट्र के नासिक (Nashik) जिले में मालेगांव (Malegaon) की एक अदालत ने सड़क हादसे के बाद हुई मारपीट के एक मामले में एक मुस्लिम युवक को दोषी करार दिया था. अब उसे जेल भेजने की बजाए अदालत ने कुछ ऐसी सजा दी है, जिसकी हर ओर चर्चा हो रही है. लोग हैरान हैं और हों भी क्यों नहीं, उसे सजा ही कुछ ऐसी दी गई है. कोर्ट (Court) ने युवक को रोजाना दो पेड़ लगाने और पांच बार नमाज अदा करने का आदेश दिया है. यह सजा 21 दिनों तक प्रभावी रहेगी.
मजिस्ट्रेट ने कहा- कोर्ट को है यह अधिकार
मजिस्ट्रेट तेजवंत सिंह संधू ने 27 फरवरी को जारी किए गए आदेश में कहा कि प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट के प्रावधानों के तहत मजिस्ट्रेट को यह अधिकार है कि वह किसी दोषी को चेतावनी या उचित चेतावनी देकर रिहा कर सकता है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह अपराध नहीं दोहराता है.
'सिर्फ चेतावनी काफी नहीं'
अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले में केवल चेतावनी ही काफी नहीं होगी, यह महत्वपूर्ण है कि दोषी अपनी दोष सिद्धि को याद रखे, ताकि वह इस प्रकार की घटनाओं को न दोहराए. मजिस्ट्रेट ने अपने आदेश में कहा है कि मेरे अनुसार, उचित चेतावनी देने का मतलब यह समझना है कि अपराध किया गया था. आरोपी को दोषी साबित कर दिया गया है और वह इसे याद रखे ताकि वह अपराध दोबारा न करे.
जानें, क्या था मामला
दरअसल 30 साल के रऊफ खान पर साल 2010 के एक मामले में एक व्यक्ति पर हमला करने और सड़क दुर्घटना के बाद विवाद में उसे चोट पहुंचाने का आरोप लगाया गया था. इस मामले में सुनवाई के बाद अदालत ने उसे दोषी ठहराया. सुनवाई के दौरान रऊफ खान ने कहा था कि वह नियमित तौर पर नमाज नहीं पढ़ता है. इसे देखते हुए कोर्ट ने उसे 28 फरवरी से 21 दिनों तक दिन में पांच बार नमाज अदा करने, सोनापुरा मस्जिद परिसर में हर दिन दो पेड़ लगाने और पेड़ों की देखभाल करने का आदेश दिया है.
यह भी पढ़ें: Kubereshwar Dham: रुद्राक्ष महोत्सव में मची लूट पर छलका पंडित प्रदीप मिश्रा का दर्द, सीहोर वालों को सुनाई खरी खोटी
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)