ED Raid In Maharashtra: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने गुरुवार को धनशोधन मामले में महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व विधायक विवेकानंद शंकर पाटिल (Vivek Patil), उनके परिवार और उनके ‘‘नियंत्रण’’ वाली एक सहकारी समिति की 150 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्तियां कुर्क कर लीं. यह मामला पनवेल (Panvel) स्थित सहकारी बैंक में 512 करोड़ रुपये से अधिक की कथित धोखाधड़ी से जुड़ा है.


पाटिल शेतकरी कामगार पक्ष पार्टी से चार बार विधायक रहे
प्रवर्तन निदेशालय ने एक बयान में कहा कि धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक आदेश जारी होने के बाद कुर्क की गईं संपत्तियों में एक बंगला, एक आवासीय परिसर आदि शामिल हैं. पाटिल शेतकरी कामगार पक्ष पार्टी से चार बार विधायक रहे हैं और पनवेल में स्थित करनाला नागरी सहकारी बैंक लिमिटेड के पूर्व अध्यक्ष हैं. ईडी के अनुसार, संपत्तियों का कुल मूल्य लगभग 152 करोड़ रुपये है और ये पाटिल, उनके रिश्तेदारों और करनाला महिला रेडीमेड गारमेंट्स कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड से संबंधित हैं.


 234 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं
बयान के अनुसार, एजेंसी ने जून, 2021 में पाटिल को गिरफ्तार किया था और 234 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं. इसने पूर्व विधायक के खिलाफ आरोपपत्र भी दायर किया था. ईडी का मामला पिछले साल फरवरी में नवी मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा पाटिल और लगभग 75 अन्य के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है. बता दें 2019-20 में रिजर्व बैंक के कहने पर ऑडिट किया किया गया. 


इस ऑडिट के किए जाने के बाद पता चला कि पाटिल 63 फर्जी ऋण खातों के जरिए करनाला चैरिटेबल ट्रस्ट और करनाला के ऋण खातों में बैंक से धनराशि निकाल रहे हैं, तब ये  ये धोखाधड़ी सामने आई.  गौरतलब है कि ईडी ने 2019 में ये जांच की शुरुआत मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा दर्ज एक एफआईआर के आधार पर की.


Maharashtra: 'अजित पवार का CM बनना सिर्फ एक सपना ही रहेगा...', एनसीपी चीफ शरद पवार का बड़ा बयान