Maharashtra: महाराष्ट्र में सियासी हलचल, राज ठाकरे की पार्टी छोड़ने के बाद इस नेता ने थामा उद्धव गुट का दामन
Vasant More Joins Shivsena-UBT : महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के पूर्व नेता ने गुरुवार को शिवसेना-यूबीटी ज्वाइन कर ली. वह वंचित बहुजन अघाड़ी छोड़कर शिवसेना-यूबीटी आए हैं.
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Maharashtra News: वसंत मोरे (Vasant More) ने गुरुवार को उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) की पार्टी शिवसेना-यूबीटी ज्वाइन कर ली. उन्होंने 2024 का लोकसभा चुनाव प्रकाश अंबेडकर (Prakash Ambedkar) की पार्टी वंचित बहुजन अघाड़ी से लड़ा था. उन्हें पुणे से प्रत्याशी बनाया गया था, हालांकि उन्हें यहां हार का सामना करना पड़ा था. वसंत मोरे पहले राज ठाकरे की एमएनएस में थे. मार्च में ही एमएनएस छोड़ी थी.
उद्धव ठाकरे और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने वसंत मोरे का स्वागत किया. एक दिन पहले ही संजय राउत ने कहा था कि वसंत मोरे शिवसेना-यूबीटी जवाइन करेंगे. वसंत मोरे ने शिवसेना-यूबीटी ज्वाइन करने की तस्वीर शेयर करते हुए 'एक्स' पर लिखा, ''जय महाराष्ट्र'.
जय महाराष्ट्र… pic.twitter.com/qJdgKpdKZj
— Vasant More | वसंत मोरे (@vasantmore88) July 4, 2024
डिपॉजिट भी गंवा बैठे थे वसंत मोरे
वसंत मोरे को बीजेपी के मुरलीधर मोहोल ने पुणे सीट से हराया है. मोरे को केवल 32,012 वोट मिले थे और वह अपना डिपॉजिट गंवा बैठे थे. जबकि मुरलीधर मोहोल को जीतने के बाद बीजेपी ने उन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया है. वसंत मोरे ने 12 मार्च को मनसे छोड़ दी थी. वह 18 साल तक इस पार्टी में रहे थे. वसंत मोरे ने तब पार्टी की आंतरिक राजनीतिक को अपने इस्तीफे की वजह बताई थी. वसंत मोरे ने जब इस्तीफा दिया था तब उनकी एक तस्वीर भी खूब वायरल हुई थी जिसमें वह राज ठाकरे की तस्वीर के आगे दंडवत करते दिख रहे थे और कहा था, ''साहेब मुझे माफ कर दीजिएगा.''
पुणे शहर ने रहे हैं नगर अध्यक्ष
मोरे राजनीति में तात्या के नाम से लोकप्रिय हैं. मोरे अपने राजनीतिक करियर में पुणे शहर के नगर अध्यक्ष, पुणे नगर निगम में कात्रज क्षेत्र के नगरसेवक के रूप में काम कर चुके हैं. वसंत मोरे ने 2012 से 2013 तक पुणे नगर निगम में विपक्ष के नेता के रूप में भी काम किया है. उन्हें पहली बार फरवरी 2007 में पुणे शहर के कात्रज क्षेत्र से नगरसेवक चुना गया था. फिर वह तब से 2012 और 2017 में दो बार चुने गए हैं.
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