Naxalite Mahendra Veladi: गढ़चिरौली पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता मिली है. गढ़चिरौली पुलिस ने मुठभेड़ और आगजनी जैसे अपराधों में शामिल जहल नक्सली को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार नक्सली की पहचान महेंद्र वेलादी (उम्र 32) के रूप में हुई है. उन्हें अहेरी तालुका के दमरांचा गांव के पास हिरासत में लिया गया. छत्तीसगढ़ राज्य के बीजापुर जिले के चेरापल्ली का रहने वाला महेंद्र 2009 में नक्सली दल में शामिल हुआ था. फिलहाल नक्सलियों का पीएलजीए सप्ताह चल रहा है और इस सप्ताह के दौरान वे हिंसक गतिविधियां करते हैं. आज महेंद्र वेलादी पुलिस गतिविधियों की सूचना देने के इरादे से दमरांचा के पास इंद्रावती नदी क्षेत्र में घूम रहा था.


इनामी नक्सली गिरफ्तार
उस समय उन्हें स्पेशल मिशन टीम और केंद्रीय रिजर्व बल की 9वीं बटालियन के जवानों ने गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने कहा कि वह दमरांचा और मन्नेराजाराम दोनों पुलिस स्टेशनों में पुलिसकर्मियों की गतिविधियों पर नजर रख रहा था.


कौन है नक्सली महेंद्र वेलादी?
नक्सली महेंद्र किश्तैया वेलादी ने 2009 में माओवादी आपूर्ति टीम के सदस्य के रूप में काम करना शुरू किया. वह चेरापल्ली वन क्षेत्र में माओवादियों के आने के बाद उनकी संतरी की ड्यूटी करता था. वह 2010 से बीजापुर के नेशनल पार्क के सैंड्रा इलाके में सीपीआई (माओवादी) के चेरापल्ली आरपीसी (रक्षा पार्टी कमेटी) का सदस्य था. इसके बाद उसने सैंड्रा दलम, नेशनल पार्क एरिया, बीजापुर में एक सदस्य के रूप में काम किया.


कार्यकाल के दौरान किये गये अपराध
महेंद्र वेलादी दो मुठभेड़ों में शामिल था. दिसंबर 2017 में, वह मौजा सैंड्रा जंगल क्षेत्र में एक मुठभेड़ में शामिल था. फिर दिसंबर 2022 में वह मौजा टेकामेटा वन क्षेत्र में गढ़चिरौली और बीजापुर पुलिस की संयुक्त टीम के साथ मुठभेड़ में शामिल था. वर्ष 2023 में वेलादी मौजा कपेवंचा से नैनेर तक सड़क वन क्षेत्र में वन कर्मियों की पिटाई और उनके वाहन को आग लगाने के अपराध में शामिल था, इसके अलावा वह सैंड्रा गांव में एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या में भी कथित रूप से शामिल था.


दो लाख का था इनाम 
गढ़चिरौली पुलिस बल के प्रभावी अभियान के कारण गढ़चिरौली पुलिस बल ने जनवरी 2022 से अब तक कुल 72 माओवादियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. पुलिस अधीक्षक नीलोत्पल ने माओवादियों से अपील की है कि वे माओवाद का हिंसक रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करें और सम्मानजनक जीवन जियें. सरकार की ओर से महेंद्र पर दो लाख का इनाम रखा गया था. 


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