Ganesh Jayanti 2023: दो साल बाद धूमधाम से मनाई जा रही गणेश जयंती, सिद्धिविनायक मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
आज गणेश जयंती है, माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जयंती मनाई जाती हैं. पौराणिक मान्यता है कि आज के दिन व्रत और गणेश जी के पूजन से संतान सुख और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है.
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Ganesh Jayanti 2023: आज माघी गणेश जयंती है. इस मौके पर मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में श्रद्धालुओं की बीती रात से ही मंदिर में भीड़ उमड़ी. माघ माह के शुक्ल पक्ष को विनायक चतुर्थी, तिलकुंड चतुर्थी भी कहते हैं. कहते हैं कि इस व्रत के प्रभाव से संतान पाने की इच्छा पूर्ण होती है. बता दें कि कोरोना महामारी के कारण दो साल बाद इस त्योहार को धूम-धाम से मनाया जो रहा है. इस कारण लोगों में काफी उत्साह और खुशी है.
सिद्धिविनायक मंदिर में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
गणपति का जन्मोत्सव हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि यानी विनायक चतुर्थी पर मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी तिथि पर देवी पार्वती के पुत्र गणपति का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को गणेश जयंती के रूप में मनाया जाता है. गणेश जयंती के इस मौके पर मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई. सुबह 5 बजे की आरती के लिए 100 से 200 लोग आरती में शामिल होते नजर आए. वहीं मुंबई के कई इलाकों से लोग पालकी लेकर सिद्धिविनायक मंदिर पहुंचे. घाटकोपर से आए लोगों ने बताया कि बीती रात 10 बजे वह पालकी लेकर निकले थे और आधी रात 3.30 के करीब पहुंचे.
क्यों प्रसिद्ध है सिद्धिविनायक मंदिर?
सिद्धिविनायक मंदिर मुंबई का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है. आम लोगों से लेकर बॉलीवुड सेलिब्रिटीज तक इस मंदिर में काफी आस्था रखते है. भगवान गणेश को समर्पित इस मंदिर का निर्माण साल 1801 में लक्ष्मण विथु और देउबाई पाटिल ने करवाया था. ऐसा कहा जाता है कि लक्ष्मण विथु और देउबाई पाटिल की खुद की कोई संतान नहीं थी और इसलिए उन्होंने इस मंदिर का निर्माण करवाया ताकि दंपत्ति संतान सुख की प्राप्ति कर सके. कहा ये भी जाता है कि यहां भगवान गणेश की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी.
ये है गणेश जयंती का महत्व
पौराणिक मान्यता है कि विघ्नहर्ता गणेश जयंती पर व्रत और विधि विधान से उनका पूजन किया जाए तो संतान सुख की प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन में खुशहाली आती है. इसके अलावा गंभीर रोग, हर कष्ट और बुध-केतु की पीड़ा से भी मुक्ति मिलती है. गणेश जयंती पर सुबह शुभ मुहूर्त में गणपति को तिल से स्नान कराएं और फिर फूल, दूर्वा, धूप, दीप आदि से पूजा करें.
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