Ganpati Atharvashirsha Recitation: महाराष्ट्र में गणेश पूजा के लिए उत्साह 19 सितंबर से ही शुरू हो गया है. देश भर में लोगों ने भगवान गणेश की मूर्तियां स्थापित की हैं. महाराष्ट्र में जगह-जगह गणेश चतुर्थी के मौके पर सुंदर पंडाल बनाए गए हैं. महाराष्ट्र के पुणे में प्रसिद्ध दगडूशेठ गणपति पंडाल में 31,000 से अधिक महिलाओं ने ‘अथर्वशीर्ष’ का पाठ किया. ‘अथर्वशीर्ष’, संस्कृत में रचित एक लघु उपनिषद है, जो ज्ञान और बुद्धि के देवता भगवान श्री गणेश को समर्पित है. श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई सार्वजनिक गणपति ट्रस्ट के अनुसार, यह उनके गणेश उत्सव समारोह में अथर्वशीर्ष के वार्षिक पाठ का 36वां वर्ष है.


30 हजार से अधिक महिलाओं ने किया ‘अथर्वशीर्ष’ का जाप
उन्होंने बताया कि पारंपरिक कपड़े पहने 31,000 महिलाएं दगड़ूशेठ गणपति पंडाल के सामने एकत्र हुईं और ‘अथर्वशीर्ष’ का जाप किया. इस साल पंडाल की थीम अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर की प्रतिकृति है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को दस दिवसीय उत्सव के पहले दिन प्रसिद्ध पंडाल में विशेष पूजा की.






यह कार्यक्रम गणेश चतुर्थी समारोह के एक भाग के रूप में मंदिर ट्रस्ट द्वारा आयोजित किया गया था. महाराष्ट्र में इस गणेश उत्सव की शुरुआत 1880 के दशक से हुई. उस समय राष्ट्रवादी नेता बाल गंगाधर तिलक और अन्य लोगों ने जनता को संगठित करने के लिये गणेश उत्सव मनाना शुरू किया था.


महाराष्ट्र में 10 दिवसीय गणेश उत्सव धूमधाम के साथ मंगलवार को शुरू हो गया. गणेश चतुर्थी के साथ शुरू हुए इस उत्सव के तहत पूरे राज्य में धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ समृद्धि और बुद्धि के देवता भगवान श्री गणेश की मूर्तियां घरों और पंडालों में स्थापित की गई हैं.


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