Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में महायुति के सहयोगियों बीजेपी और शिवसेना के बीच खींचतान के संकेत दिख रहे हैं. फडणवीस सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता गणेश नाइक ने कहा है कि वह चाहते हैं कि डिप्टी सीएम और शिवसेना अध्यक्ष एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे में भगवा पार्टी फले-फूले. पड़ोसी पालघर जिले के संरक्षक मंत्री नाइक ने मंगलवार (28 जनवरी) को एक कार्यक्रम में कहा कि वह ठाणे में भी जन शिकायत बैठकें आयोजित करेंगे.


गणेश नाइक के इस बयान के बाद अटकलें शुरू हो गईं कि बीजेपी इस क्षेत्र में एकनाथ शिंदे की पार्टी के प्रभुत्व को चुनौती देने की तैयारी कर रही है. उन्होंने कहा कि वह लोगों के प्रति प्यार के कारण इन बैठकों को गडकरी रंगायतन सभागार में आयोजित करेंगे. 


हम चाहते हैं कि ठाणे में सिर्फ 'कमल' खिले- गणेश नाइक


पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार के मंत्री गणेश नाइक ने कहा, ''बीजेपी का ध्यान शहर पर फोकस है. हम चाहते हैं कि ठाणे में सिर्फ 'कमल' खिले. पार्टी ने मुझे शहर की जिम्मेदारी सौंपी है.'' नाइक और शिंदे दोनों ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत शिवसेना के साथ की थी, लेकिन बाद में नाइक शरद पवार की अध्यक्षता वाली एनसीपी में शामिल हुए थे. 


शिंदे ने 2022 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व को चुनौती देकर शिवसेना को तोड़ दिया था. शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी पहले से ही जिला संरक्षक मंत्री पदों के बंटवारे से नाराज है.


चन्द्रशेखर बावनकुले ने क्या कहा?


महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष और राजस्व मंत्री चन्द्रशेखर बावनकुले ने बुधवार (29 जनवरी) को गणेश नाइक के बयान का समर्थन किया. उन्होंने ये भी कहा कि शिवसेना नेताओं को लोगों के मुद्दों के समाधान के लिए सार्वजनिक शिकायत बैठकें भी आयोजित करनी चाहिए. अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP के मंत्रियों सहित सभी मंत्रियों को विभिन्न क्षेत्रों में जनता के साथ सक्रिय रूप से जुड़ना चाहिए, इससे लोगों को फायदा होगा.


ठाणे शिवसेना का गढ़ रहेगा- शंभुराज देसाई


इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा, ''मैंने पहले ठाणे के संरक्षक मंत्री के रूप में काम किया है. शहर और जिले में एकनाथ शिंदे के नेटवर्क से परिचित हूं. ठाणे शिवसेना का गढ़ रहेगा. बीजेपी नेताओं को अपनी पार्टी का विस्तार करने का अधिकार है, लेकिन कोई इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकता कि जिले में ऐतिहासिक रूप से शिवसेना ने अपना प्रभुत्व बनाए रखा है.''


उन्होंने BJP से सीधी चुनौती की संभावना को खारिज करते हुए कहा, ''एकनाथ शिंदे और गणेश नाइक दोनों महायुति गठबंधन का हिस्सा रहते हुए अपनी पार्टियों को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं. स्थिति की गलत तरीके से व्याख्या करने की कोई जरूरत नहीं है.''


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