घाटकोपर होर्डिंग हादसे में मुख्य आरोपी भावेश भिंडे ने HC में लगाई जमानत याचिका, FIR भी रद्द करने की मांग
Ghatkopar Hoarding Case: घाटकोपर होर्डिंग हादसे के मुख्य आरोपी भावेश भिंडे ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर जमानत की मांग की है. वहीं भावेश भिंडे ने एफआईआर भी रद्द करने की मांग की है.
Ghatkopar Hoarding Collapse Case: मुंबई के घाटकोपर इलाके में होर्डिंग गिरने के मामले में गिरफ्तार मुख्य आरोपी भावेश भिंडे ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने एक रिट याचिका दायर की है, जिसमें भिंडे ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए जमानत की मांग की है इसके साथ ही उन्होंने उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का भी अनुरोध किया गया है.
‘प्राकृतिक आपदा के लिए उनको जिम्मेदार न ठहराया जाए’
ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक भिंडे ने अपनी याचिका में कहा है कि 13 मई की घटना में जिसमें 17 लोगों की मौत हुई और 80 के करीब लोग घायल हुए, एक प्राकृतिक आपदा थी और इसके लिए उन्हें जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए. इसके साथ ही याचिका में अपने दावों को साबित करने के लिए हवा की गति मापने वाले बीफोर्ट स्केल का भी उल्लेख किया गया है. भिंडे की याचिका में आगे कहा गया है कि IMD ने 12 मई को दोपहर 1:45 बजे एक ऑल इंडिया वेदर समरी और फोरकास्ट बुलेटिन जारी किया था. उस बुलेटिन में मुंबई में धूल भरी आंधी और तेज हवाओं की संभावनाओं का कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया था.
याचिका में किए गए कई दावे
याचिका में कहा गया कि 13 मई की शाम लगभग 4:15 बजे, मुंबई में 60 किमी प्रति घंटा से 96 किमी प्रति घंटा की गति वाली धूल भरी आंधी और तेज़ हवाएं चलीं, जो अत्यधिक असामान्य, और पहले कभी अनुभव नहीं की गई थीं. IMD ने पुष्टि की थी कि BMC के ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन द्वारा रिकॉर्ड की गई 96 किमी प्रति घंटा की हवा की गति होर्डिंग को प्रभावित कर रही थी. इन्हीं कारणों से होर्डिंग गिर गया और न की निर्माण में की गई लापरवाही के कारण जैसा की एफआईआर में दावा किया गया है. बीफोर्ट विंडफोर्स स्केल की मदद से समुद्र या जमीन पर चल रही हवा की गति को मापता है जिसके अनुसार हवा की गति को 12 तरह से बताया गया है जैसे कि 89 किमी प्रति घंटा से 102 किमी प्रति घंटा की गति वाली हवा को तूफान के रूप में बताया गया है जो कि किसी भी स्ट्रक्चर को नुकसान पहुचाने का कारण बन सकती हैं यही नहीं ऐसी हवा पेड़ों को भी उखाड़ सकती हैं.
याचिका में आगे कहा गया है कि IMD द्वारा बताई गई हवा की गति असामान्य थी. यह "एक्ट ऑफ गॉड" था जिसके कारण होर्डिंग गिर गया यह एक दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना थी. जिसके लिए याचिकाकर्ता (भिंडे) या ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता.
भिंडे की तरफ से दायर की गई याचिका में आगे यह भी दावा किया है कि 13 मई को हवा की गति ज्यादा होने के कारण, शहर में कई अन्य इसी तरह की घटनाएं हुईं. तेज हवा के कारण कुछ इमारत की संरचनाओं को नुकसान पहुंचा, कई पेड़ गिर गए जिसकी वजह से कई लोग जख्मी हुए और 2 लोगों की मौत भी हुई थी. इतना ही नही उसी दिन मुंबई के वडाला इलाके में स्थित एक बिल्डिंग का लोहे से बनी पजल पार्किंग गिर गया था, जिसमें तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस मामले में वडाला पुलिस स्टेशन ने 13 मई, 2024 को एक एफआईआर दर्ज की है, जिसमें केवल IPC की धारा 336, 337, 338 , 427 और 34 लगाई गई. हालांकि, घाटकोपर मामले में IPC की धारा 304 जोड़ी गई है.
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