Ghatkopar Hoarding Case: घाटकोपर में 17 लोगों की मौत मामले में पांचवां आरोपी गिरफ्तार, पुलिस ने लखनऊ से पकड़ा
Ghatkopar Hoarding Collapse Case: मुंबई के घाटकोपर में होर्डिंग गिरने के मामले में क्राइम ब्रांच ने पांचवी गिरफ्तारी की है. पांच महीने से अरशद खान फरार चल रहा था, जिसे लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है.
Ghatkopar Hoarding Collapse Incident: मुंबई के घाटकोपर में होर्डिंग गिरने के मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच की टीम जांच कर रही है. इस कड़ी में एसआईटी ने पिछले छह महीने से फरार चल रहे वांटेड आरोपी अरशद खान को गिरफ्तार कर लिया है. यह इस मामले में 5वीं गिरफ्तारी है. अरशद खान को रविवार को उत्तर प्रदेश के लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है. उसकी अग्रिम जमानत याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही थी, लेकिन उसे राहत नहीं मिली. उसे सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां अदालत ने शनिवार तक क्राइम ब्रांच की हिरासत में भेज दिया है.
क्राइम ब्रांच के मुताबिक, मामले में आरोपी कंपनी ईगो मीडिया ने घाटकोपर में 120x140 होर्डिंग का ठेका हासिल करने के लिए अरशद खान को काफी रकम दी थी. 13 मई को होर्डिंग गिर गई थी, जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई थी और 80 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. ईगो मीडिया की पूर्व निदेशक और मामले में आरोपी जानवी मराठे ने अपने बयान में दावा किया था कि उन्होंने होर्डिंग का ठेका हासिल करने के लिए खालिद के निर्देश पर खान को 1 करोड़ से अधिक का भुगतान किया था.
आरोपी कंपनी ने 84 लाख रुपये का ट्रांसफर किए
रिमांड कॉपी के मुताबिक, आरोपी कंपनी ईगो मीडिया और उनकी सहयोगी कंपनी ने जुलाई 2021 से दिसंबर 2023 तक 18 अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में 84 लाख रुपये का ट्रांसफर किया था, जिनका कंपनी से कोई संबंध नहीं है, ये पैसे अरशद खान के कहने पर इन अकाउंट्स ट्रांसफर में किए गए थे. क्राइम ब्रांच ने कोर्ट को बताया है कि वह इस बात की जांच करना चाहते हैं कि अरशद खान किसकी ओर से ईगो मीडिया से पैसे ले रहा था, ताकि उन्हें जीआरपी के तत्कालीन कमिश्नर से होर्डिंग का ठेका हासिल करने में मदद मिल सके.
कोर्ट में दाखिल 3,299 पन्नों के चार्जशीट के मुताबिक, मुख्य आरोपी भावेश भिंडे ने जांच अधिकारी को बताया था कि सह-आरोपी और ईगो मीडिया की पूर्व निदेशक जानवी मराठे ने उन्हें बताया था कि पूर्व जीआरपी कमिश्नर कैसर खालिद की ओर से कथित तौर पर दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए अरशद खान को बड़ी रकम ट्रांसफर की गई है. खालिद का बयान भी एसआईटी ने दर्ज किया था. हालांकि, इसमें पैसे देने के बारे में किसी भी सवाल का जवाब या उल्लेख नहीं किया गया है. अपने बयान में खालिद ने अपने कार्यकाल के दौरान हुई घटनाओं के बारे में बताया और दोष मौजूदा जीआरपी कमिश्नर रवींद्र शिसवे पर मढ़ दिया.
अधिकारी के तबादले के बाद बढ़ा होर्डिंग का आकार
खालिद ने दावा किया था कि उन्होंने 200 वर्ग फुट के होर्डिंग को मंजूरी दी थी, लेकिन उनके तबादले के बाद होर्डिंग का आकार बढ़ा दिया गया. उन्होंने आगे आरोप लगाया था कि निर्माण शिसवे के कार्यकाल के दौरान हुआ था, जिसके दौरान कई शिकायतों के बावजूद अवैध होर्डिंग के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई थी. क्राइम ब्रांच को दिए अपने बयान में शिसवे ने कहा था कि अगस्त 2023 में उनसे स्पष्टीकरण मांगे जाने के बाद उन्होंने डीजीपी कार्यालय में एडीजी (एडमिन) को विस्तृत जवाब में सब कुछ बता दिया था. उन्होंने 16 सितंबर, 2023 को जवाब दिया, उन्हें आश्वासन दिया कि उनका कार्यालय डीजीपी कार्यालय की ओर से किए गए किसी भी निर्णय का पालन करेगा. हालांकि, उन्होंने आगे दावा किया कि होर्डिंग गिरने से पहले उन्हें कोई जवाब नहीं मिला.
चार्जशीट में आरोपी अरशद खान का बयान भी शामिल
साल 2024 की शुरुआत में क्राइम ब्रांच द्वारा दायर चार्जशीट में आरोपी अरशद खान का बयान भी शामिल है, जिसमें दावा किया गया था कि भुगतान कंपनी को आपूर्ति की गई इलेक्ट्रिकल सामग्री और ब्रांडेड सामान के लिए किया गया था. रिकॉर्ड के अनुसार अरशद खान और निलंबित आईपीएस अधिकारी कैसर खालिद एक-दूसरे को जानते हैं.
होर्डिंग की मंजूरी में अनियमितताओं के कारण खालिद को इस साल की शुरुआत में गृह विभाग ने निलंबित कर दिया था. इस घटना के सिलसिले में भावेश भिंडे, जान्हवी मराठे, सागर पाटिल और मनोज संघू सहित चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और क्राइम ब्रांच की जांच बीएमसी और जीआरपी अधिकारियों के खिलाफ जारी है, जो एक-दूसरे पर आरोप मढ़ रहे हैं.
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