Ghatkopar Hoarding Collapse Case Update: मुंबई होर्डिंग हादसा मामले में महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है. राज्य की सरकार ने आईपीएस अधिकारी कैसर खालिद को सस्पेंड कर दिया है. कैसर खालिद ने बिना डीजीपी ऑफिस की अनुमति के होर्डिंग लगाने की इजाजत दे दी, जिस पर सरकार ने कार्रवाई की है. 13 मई को मुंबई के घाटकोपर इलाके में तेज हवा के बाद एक विशाल होर्डिंग गिर गई थी. इस हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग जख्मी हुए थे.


बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने कहा, "भ्रष्ट आचरण के लिए रेलवे पुलिस कमिश्नर कैसर खालिद को निलंबित करने के लिए मैं महाराष्ट्र सरकार और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस का स्वागत करता हूं."






बीजेपी नेता किरीट सोमैया का आरोप


इससे पहले बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने रविवार (23 जून) को आरोप लगाया था कि विज्ञापन कंपनी के निदेशक भावेश भिंडे ने तत्कालीन जीआरपी कमिश्नर की पत्नी की कंपनी को 46 लाख रुपये की रिश्वत दी थी, जिसने एक होर्डिंग लगाने की अनुमति दी थी जो पिछले महीने यहां गिर गई थी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट में ये भी दावा किया कि घाटकोपर में दो दर्जन अवैध होर्डिंग्स के लिए एगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड (जहां भिंडे निदेशक थे) द्वारा अलग-अलग रेलवे पुलिस और बीएमसी के अधिकारियों को 5 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था.


पूर्व बीजेपी सांसद ने बताया था उन्होंने महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को एक पत्र लिखा, जिसमें घाटकोपर होर्डिंग्स घोटाले में रिश्वत के लिए तत्कालीन सरकारी रेलवे पुलिस कमिश्नर कैसर खालिद को निलंबित करने का अनुरोध किया गया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने पहले बताया था कि जिस जमीन पर होर्डिंग लगा था उसका कब्जा राजकीय रेलवे पुलिस के पास है और तत्कालीन जीआरपी कमिश्नर कैसर खालिद ने M/s इगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड को 10 साल के लिए एक पेट्रोल पम्प के पास होर्डिंग लगाने की अनुमति दी थी. होर्डिंग गिरने की घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) गठित किया गया.


ये भी पढ़ें:


Maharashtra Politics: प्रफुल्ल पटेल ने किया इंडिया गठबंधन की पार्टियों से संपर्क का दावा, कांग्रेस बोली- 'इसमें कोई...'