Nagpur News: नागपुर जेल अथॉरिटी ने मांग मानी, डीयू के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा ने खत्म की भूख हड़ताल
नागपुर सेंट्रल जेल द्वारा सेल के सामने से सीसीटीवी कैमरा हटाने की मांग माने जाने के बाद डीयू के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईबाबा ने भूख हड़ताल वापस ले ली है. वे 21 मई से भूख हड़ताल पर थे.
नक्सलियों से संबंध के आरोप में नागपुर सेंट्रल जेल में बंददिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर व समाजिक कार्यकर्ता डॉ जीएन साईबाबा ने अपनी भूख हड़ताल वापस ले ली है. गौरतलब है कि नागपुर जेल प्राधिकरण द्वारा जीएन साईबाबा की सेल के सामने से कैमरा हटाने पर सहमत होने के बाद ही उन्होने भूख हड़ताल वापस ली है.
खाना न खाने के कारण पूर्व प्रोफेसर की तबीयत खराब हो गई थी
पूर्व प्रोफेसर की पत्नी ने बताया कि सेल के सामने कैमरा लगाने के विरोध में जीएन साईबाबा 21 मई से भूख हड़ताल पर थे. इस दौरान खाना न खाने के कारण उनकी तबीयत खराब हो गई थी.
माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं साई बाबा
बता दें कि साईंबाबा को मार्च 2017 में माओवादियों से संबंध रखने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी और तब से वह नागपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं. 55 वर्षीय साई बाबा व्हीलचेयर पर रहते हैं क्योंकि वह कई बीमारियों से पीड़ित हैं, जिसके कारण उनका 90% शरीर अक्षम हो गया है.
21 मई को भूख हड़ताल पर चले गए थे साईबाबा
बता दें कि साईबाबा 21 मई को जेल प्रशासन के उनकी सेल के सामने क्लोज-सर्किट टेलीविजन कैमरा लगाने के फैसले के विरोध में भूख हड़ताल पर चले गए थे. साईबाबा कीहाई की मांग कर रही एक समिति के मुताबिक, कैमरे में उनकी सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड किया जा रहा था, जिसमें शौचालय और बाथरूम का उपयोग करना भी शामिल है.
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