Maharashtra News: महाराष्ट्र के राज्यपाल और विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भगत सिंह कोश्यारी ने मुंबई विश्वविद्यालय (MU) और सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय (SPPU) के कुलपतियों के चयन के लिए अलग-अलग खोज समितियों का गठन किया है. राज्य कैबिनेट द्वारा पूर्व में जो समितियां बनाई गई थी उन्हें राज्यपाल के ऑफिस द्वारा  नवंबर 2022 में ही भंग कर दिया गया था. मुंबई विश्वविद्यालय (एमयू) के कुलपति के बनाई गई सर्च कमेटी की अध्यक्षता विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व अध्यक्ष डॉ डी पी सिंह करेंगे, जबकि एसएसपीयू के कुलपति के चयन के लिए बनाई गई कमेटी की अध्यक्षता AICTE के पूर्व चेयरमैन डॉ. अनिल सहस्रबुद्धे करेंगे.


ये लोग होंगे समितियों के सदस्य


मुंबई यूनिवर्सिटी के कुलपति के चयन के लिए बनाई गई खोज कमिटी में प्रोफेसर प्रमोद कुमार जैन, निदेशक, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, आनंद लिमये, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) और प्रोफेसर सुरेश कुमार, अंग्रेजी और विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, हैदराबाद के कुलपति (यूजीसी नामांकित) को शामिल किया गया है, वहीं SPPU के कुलपति के चयन के लिए बनाई गई खोज समिति में  अभय करंदीकर, निदेशक, आईआईटी, कानपुर, दीपक कपूर, अतिरिक्त मुख्य सचिव, सिंचाई विभाग, और डॉ. मीना आर चंदावरकर, कर्नाटक राज्य महिला विश्वविद्यालय विजयापुरा के पूर्व कुलपति (यूजीसी नामांकित) को शामिल किया गया है.


लंबे समय से खाली पड़े हैं कुलपतियों के पद


मालूम हो कि मुंबई यूनिवर्सिटी के कुलपति सुहास पेडनेकर का कार्यकाल 10 सिंतबर को समाप्त हो गया था. तब से शिवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति दिगंबर शिर्के मुबई यूनिवर्सिटी के कुलपति का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं. वहीं SPPU के कुलपति नितिन कर्मलकर का कार्यकाल 18 मई 2022 को समाप्त हो गया था तब से बाबासाहेब अंबेडकर प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, लोनेरे के कुलपति करभरी काले इस पद का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं.


पिछले साल, महाराष्ट्र कैबिनेट ने 2018 विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के दिशानिर्देशों के अनुसार, महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वविद्यालय अधिनियम, 2016 में संशोधन करने का निर्णय लिया. बता दें कि यूजीसी के नियमन के अनुसार कुलपतियों के चयन के लिए बनाई गई खोज समितियों में एक सदस्य यूजीसी के अध्यक्ष द्वारा नामित किया जाता है. हालांकि महाराष्ट्र सहित कई राज्य इस आवश्यकता का पालन नहीं कर रहे थे.


इसके बाद 14 नवंबर को  केरल हाई कोर्ट ने इस आधार पर की गई एक विश्विद्यालय में कुलपति की नियुक्ति को रद्द कर दिया था. इस फैसले के बाद महाराष्ट्र सरकार ने यूजीसी की गाइडलाइन का संज्ञान लिया और एक्ट में संशोधन करने का फैसला किया. सरकार की ओर से संशोधन का अध्यादेश जारी होने के बाद नई कमेटियों का गठन किया गया. अब राज्यपाल ने एमयू और एसपीपीयू के कुलपतियों के चयन के लिए अलग-अलग सर्च कमेटी नियुक्त की है.


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