Gram Panchayat Election: पुणे में 'कांटे की टक्कर', अजित पवार गुट और BJP कार्यकर्ताओं के बीच झड़प, लगाए ये आरोप
Gram Panchayat Election 2023: बारामती काटेवाड़ी में ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर वोटिंग जारी है. इस बीच अजित पवार गुट और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबर सामने आई है.
Baramati Gram Panchayat Election 2023: बारामती काटेवाड़ी में अजित पवार गुट और बीजेपी के बीच झड़प हो गई है. दोनों गुट एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं. इसमें बीजेपी ने अजित पवार ग्रुप पर पैसे बांटने का आरोप लगाया है. अजित पवार का गुट इस आरोप से सीधे तौर पर इनकार कर रहा है. गांव के विकास के मुद्दे पर भी एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं. काटेवाड़ी में अजित पवार की प्रतिष्ठा दांव पर है.
काटेवाड़ी बीजेपी पैनल प्रमुख ने क्या कहा?
ABP माझा के अनुसार, पांडुरंग कछारे ने कहा कि यह चुनाव काटेवाड़ी के ग्रामीणों के स्वाभिमान को जिंदा रखने के लिए है. काटेवाड़ी में भ्रष्टाचार सामने है. गांव में बहुत सारी सेवा सुविधाएं नहीं हैं. राष्ट्रवादी कहते हैं कि उन्होंने काम किया है. लेकिन नाम झूठ की बड़ी निशानी है. काटेवाड़ी में वोट बेचे गए हैं. गांव में कई विकास कार्य नहीं हुए हैं. कई मुद्दे हल नहीं होते.
चुनाव लोगों के मुद्दों को सामने लाने के लिए होता है. जनशक्ति धनबल के खिलाफ लड़ती नजर आती है. साथ ही सभी सीटों पर 100 फीसदी परिवर्तन कराएंगे. उन्होंने यह भी दावा किया है कि काटेवाड़ी में हम लड़ाई जीतेंगे. 4 हजार लोगों को पैसा मिला जो विकास कार्य में खर्च हुआ पैसा है.
पूर्व सरपंच विद्याधर काटे ने आरोपों से किया इनकार
काटेवाड़ी के पूर्व सरपंच विद्याधर काटे ने बीजेपी के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. हमने कोई पैसा साझा नहीं किया. इसके अलावा उन्होंने कहा कि गांव में विकास कार्यों को भी तवज्जो दी गई है. अजित पवार स्वास्थ्य कारणों से मतदान में शामिल नहीं हो सके. डेंगू के कारण अजित पवार की तबीयत बिगड़ी है. उन्होंने यह भी दावा किया है कि उनके पार्टनर की बदौलत 100 फीसदी फुल पैनल का चयन होगा.
काटेवाड़ी गांव का पूर्ण विकास हो चुका है. विरोधी आरोप लगा रहे हैं. बीजेपी को सबूत देना चाहिए कि हमने भ्रष्टाचार किया है. हम उन पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगा सकते हैं. अजित पवार के मार्गदर्शन में काटेवाड़ी में अच्छा काम चल रहा है. हम काटेवाड़ी में विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं, किसी अन्य मुद्दे पर नहीं. ग्राम पंचायत का चुनाव किसी पार्टी चिन्ह पर नहीं बल्कि गांव की अंदरूनी राजनीति और रिश्तों पर लड़ा जाता है. लेकिन भले ही यह चुनाव पार्टी चिन्ह पर नहीं लड़ा गया हो, लेकिन इस चुनाव को राजनीतिक बढ़त जरूर मिली है.