(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Gram Panchayat Elections: महाराष्ट्र में ग्राम पंचायत चुनाव के लिए मतदान आज, कल आएंगे नतीजे, कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
Gram Panchayat Elections Live: महाराष्ट्र में ग्राम पंचायत चुनाव के लिए आज से वोटिंग शुरू है. इसके नतीजे सोमवार यानी 6 नवंबर आएंगे. जानिए आज वोट डालने का अंतिम समय कब तक है.
Gram Panchayat Elections 2023: प्रदेश में ग्राम पंचायत चुनाव 2023 को लेकर घमासान देखने को मिल रहा है. प्रचार की बंदूकें ठंडी होने के बाद आज प्रदेश की 2 हजार 369 ग्राम पंचायतों के लिए मतदान प्रक्रिया होगी. राज्य भर में लगभग 2 हजार 359 ग्राम पंचायतों के आम चुनाव और 2 हजार 950 सदस्य पदों और 130 सरपंच रिक्तियों के लिए उपचुनाव के लिए 5 नवंबर, 2023 को मतदान होगा.
कब तक जारी रहेगी वोटिंग?
ABP माझा के अनुसार, प्रदेश भर में करीब 2 हजार 359 ग्राम पंचायतों के आम चुनाव और 2 हजार 950 सदस्य पदों और 130 सरपंच के रिक्त पदों पर उपचुनाव के लिए आज मतदान होगा. आज सुबह 7.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक वोटिंग होगी. ग्राम पंचायत चुनाव के लिए वोटों की गिनती सोमवार यानी 6 नवंबर को होगी. गढ़चिरौली और गोंदिया के नक्सल प्रभावित इलाकों में मतदान का समय सुबह 7.30 बजे से दोपहर 3 बजे तक ही रहेगा. गढ़चिरौली और गोंदिया के नक्सल प्रभावित इलाकों में वोटों की गिनती 7 नवंबर 2023 को होगी.
ग्राम पंचायत के लिए नेताओं का मतदान
अजित पवार का परिवार पुणे जिले के बारामती तालुका के काटेवाड़ी गांव में ग्राम पंचायत चुनाव के लिए मतदान करेगा. सुनेत्रा पवार सुबह 7.30 बजे काटेवाड़ी में मतदान करेंगी. हालांकि, खबर है कि अजित पवार खुद खराब सेहत के कारण चुनाव में नहीं उतरेंगे. सहकारिता मंत्री दिलीप वलसे पाटिल पुणे जिले के अंबेगांव तालुक के निरागुडसर गांव में मतदान करेंगे. दिलीप मोहिते खेड़ तालुका के शेल पिंपलगांव गांव में मतदान करेंगे.
ऐसी जानकारी है कि सांसद अमोल कोल्हे जुन्नार तालुका के नारायणगांव ग्राम पंचायत में मतदान के बावजूद स्वास्थ्य कारणों से मतदान नहीं करेंगे. इसके अलावा जलगांव में मंत्री गुलाबराव पाटिल पलाढ़ी खुर्द गांव में वोट करेंगे, जबकि शाहजी बापू पाटिल पंढरपुर के सांगोला के महुद गांव में वोट करेंगे.
पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव क्यों रुके हुए हैं?
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ओबीसी के लिए राजनीतिक आरक्षण का रास्ता साफ हो गया. हालांकि, इससे पहले 92 नगर परिषदों के चुनाव की घोषणा हुई तो कई लोगों ने इस पर आपत्ति जताई थी. सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की गई है कि घोषित 92 नगर परिषद चुनावों में भी ओबीसी आरक्षण लागू किया जाए. इसी तरह, शिंदे सरकार ने महाविकास अघाड़ी काल के दौरान बनाए गए वार्ड ढांचे को बदलने का फैसला किया था. इस नई वार्ड संरचना को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई, जिसके कारण स्थानीय स्वशासन चुनाव रुक गए हैं.
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