Mumbai News: मुंबई के घाटकोपर इलाके में हुए होर्डिंग हादसे (Ghatkopar Hoarding Accident) के आरोपी ईगो मीडिया के डायरेक्टर भावेश भिंडे (Bhavesh Bhinde) को बॉम्बे हाई कोर्ट से झटका लगा है. हाई कोर्ट ने भिंडे की जमानत याचिका खारिज कर दी है. भिंडे पर अवैध तरीके से होर्डिंग लगवाने के आरोप हैं. इस घटना में 17 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे. बता दें कि घटना के बाद से ही वह फरार चल रहा था. उसे राजस्थान के उदयपुर से गिरफ्तार किया गया था. भावेश के खिलाफ पहले से ही 20 से अधिक केस दर्ज है.
13 मई को मुंबई में भीषण आंधी चली थी और बेमौसम बारिश हुई थी. इसके कारण घाटकोपर इलाके में एक पेट्रोल पंप के पास लगाया गया 120 x 120 फीट का होर्डिंग गिर गया था. इस होर्डिंग की चपेट में आने से 17 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 75 लोग घायल हुए थे. ये वो लोग थे जो पेट्रोल पंप पर फ्यूल भरवाने आए थे और उनका वाहन होर्डिंग की चपेट में आ गया था. बताया जाता है कि होर्डिंग के लिए स्थानीय निकाय की इजाजत नहीं मिली थी.
जांच में सामने आई थी यह जानकारी
हादसे के बाद जांच की गई तो पता चला कि होर्डिंग अवैध तरीके से लगाया गया था. वर्ष 2021 में भावेश की कंपनी को 10 साल के लिए पेट्रोल पंप के पास होर्डिंग लगाने की अनुमति दी गई थी लेकिन इसके लिए बीएमसी से इजाजत नहीं ली गई थी. ऐसी जानकारी भी सामने आई थी कि दस्तावेज में 40 फीट होर्डिंग लगाने की बात थी लेकिन इससे कहीं अधिक 120 फीट की होर्डिंग लगा दी गई थी.
महाराष्ट्र सरकार ने घोषित किया था मुआवजा
हादसा इतना भीषण था कि बचाव कार्य़ के लिए मुंबई फायर ब्रिगेड, एमडीआरएफ और एमएमआरडीए की टीमें लगाई गई थीं जिन्होंने मलबे से 60 से ज्यादा लोगों को निकाला था. घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को सरकार की ओऱ से पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की गई थी.
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