Maharashtra News: महाराष्ट्र की एक महिला ने तलाक की याचिका को मुंबई से नागपुर में ट्रांसफर करने की मांग की थी. उन्होंने मांग की थी कि इस याचिका पर नागपुर में सुनवाई हो लेकिन उससे अलग रह रहे पति ने असंवेदनशीलता दिखाते हुए आपत्ति जताई थी जिसके बाद कोर्ट ने उसपर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और कहा कि यह राशि पत्नी को दिया जाए.


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक जस्टिस मिलिंद जाधव की पीठ ने कहा कि महिला की सुविधा और उसकी कठिनाई महत्वपूर्ण तथ्य है जिस आधार पर केस को ट्रांसफर करने पर विचार किया जा रहा है. यह महिला अपने माता-पिता के पास रहती है और उसके पास कोई रोजगार नहीं है जबकि महिला का पति अमेरिका में रहता है और अच्छा कमाता है.


8 साल पहले हुई थी शादी
दोनों की शादी 2016 में हुई थी. 2019 में पत्नी ने नागपुर कोर्ट में गुजारा भत्ता के लिए आवेदन डाला था. उनके वकील ने बताया कि पति ने आदेश का पालन नहीं किया जबकि उसे गुजारा भत्ता के रूप में 10 लाख रुपये देने थे. कोर्ट के आदेश का पालन ना करने पर पति को फटकार लगाई गई है. लड़के के पिता ने 2021 में तलाक की याचिका दाखिल की थी. उन्होंने मुंबई के बांद्रा में याचिका दाखिल की थी. उनके वकील ने कहा था कि मुंबई से केस नागपुर शिफ्ट किए जाने पर उन्हें बेहद कठिनाई होगी. क्योंकि लड़के के माता-पिता बुजुर्ग हैं और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्या है. 


पिता की बीमारी के बहाने पर यह बोला कोर्ट
हाई कोर्ट ने कहा कि लड़के के पिता की उम्र 63 साल ही है और स्वस्थ नजर आते हैं. वह लगातार अपने वकील को सुझाव भी दे रहे हैं जो कि हाई कोर्ट ने ऑब्जर्व भी किया. इसे देखने के बाद कोर्ट ने कहा कि आप केवल स्वार्थ के लिए महिला की याचिका का विरोध कर रहे हैं.  उधर, पति की तरफ से उनके वकील ने कहा कि महिला के पास शादी से पहले जॉब थी. वह पुणे में नौकरी करती थी. उनके पिता सरकारी नौकरी से रिटायर हुए हैं और उनकी अच्छी खासी पेंशन है. हालांकि हाई कोर्ट ने इस दलील को दुराग्रहपूर्ण बताया.


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