20 जनवरी का इतिहास: 20 जनवरी, 1957 को क्या हुआ था? इस बारे में शरद गुट के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने जानकारी दी है. आव्हाड ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'देश की आजादी के ठीक दस साल बाद, प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने एशिया का पहला परमाणु रिएक्टर भारत को समर्पित किया और परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठान (जिसे अब भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के रूप में जाना जाता है) की स्थापना की. हमारे देश को एक समय ऐसा दूरदर्शी नेता प्राप्त हुआ था. आज जो विकास हो रहा है उसकी नींव सत्तर साल पहले रखी गई थी, इसलिए आज हम यहां तक ​​पहुंचे हैं. नेहरू के विरोधियों को उनके वास्तविक इतिहास का अध्ययन करना चाहिए और जानना चाहिए कि उनके कार्यकाल के दौरान क्या साहसिक निर्णय लिए गए थे.'


पीएम करते हैं देखरेख
भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बीएआरसी) भारत की प्रमुख परमाणु अनुसंधान सुविधा है, जिसका मुख्यालय ट्रॉम्बे, मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में है. इसकी स्थापना होमी जहांगीर भाभा ने जनवरी 1954 में परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठान, ट्रॉम्बे (एईईटी) के रूप में भारत के परमाणु कार्यक्रम के लिए आवश्यक एक बहु-विषयक अनुसंधान कार्यक्रम के रूप में की थी.






यह परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के तहत संचालित होता है, जिसकी देखरेख सीधे भारत के प्रधानमंत्री करते हैं. BARC का मुख्य उद्देश्य परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण अनुप्रयोगों को बनाए रखना है. यह रिएक्टरों के सैद्धांतिक डिजाइन से लेकर, कंप्यूटर मॉडलिंग और सिमुलेशन, जोखिम विश्लेषण, नए रिएक्टर ईंधन, सामग्री आदि के विकास और परीक्षण तक, परमाणु ऊर्जा उत्पादन के सभी पहलुओं का प्रबंधन करता है.


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