Maharashtra News: किसी व्यक्ति को गधे पर बिठाकर अगर पूरा गांव घुमाया जाए तो यह उस व्यक्ति का अपमान माना जाता है लेकिन महाराष्ट्र (Maharashtra) के बीड (Beed) जिले के एक गांव में ऐसी प्रथा का पालन होली (Holi) पर किया जाता है और इतना ही नहीं, नए-नवेले दामाद को गधे पर घुमाया जाता है. इस अनूठी परंपरा का पालन होली के अवसर पर किया जाता है इसलिए कोई बुरा भी नहीं मानता. बताया जाता है कि 80 वर्ष से अधिक समय से होली का जश्न कुछ इस तरह मनाया जा रहा है. 


बीड जिले के विडा येवता गांव में खास तरीके से होली मनाने की परंपरा रही है. नए दामाद को गांव में आकर होली खेलने का न्योता दिया जाता है. इस अनोखी होली की शुरुआत को लेकर एक कहानी जुड़ी हुई है. बताया जाता है कि गांव में देशमुख परिवार रहता था. इस घर की  बेटी की शादी हुई तो पहली होली पर दामाद ससुराल आए. दामाद ने रंग खेलने से मना कर दिया तो ससुराल वालों ने उन्हें खूब मनाया. जब दामाद होली खेलने को तैयार हुआ तो ससुर ने फूलों से सजा एक गधा मंगवाया और उसपर दामाद को बिठाकर गांव में घुमाया. इसके बाद होली खेली गई.


एक घर से शुरू हुई परंपरा को पूरे गांव ने अपनाया
देशमुख परिवार में हुई इस घटना के बाद से गांव में फिर नए दामाद के साथ गधे पर बिठाकर होली खेलने की परंपरा सी शुरू हो गई जो कि अब तक जारी है. दामाद को गधे पर बिठाकर सवारी गांव के बीच से शुरू की जाती है और फिर हनुमान मंदिर तक आकर समाप्त होती है. होली का त्योहार अब बहुत पास है. देशभर में अलग-अलग प्रकार की होली खेलने की परंपरा है. कहीं लट्ठमार होली खेली जाती है तो कहीं कपड़ा फाड़ तो कहीं कीचड़ से होली खेली जाती है.वहीं अधिकांश लोग पारंपरिक तरीके से रंग और गुलाल से रंगों का त्योहार मनाते हैं. 


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