Maharashtra Election Result: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों ने विपक्षी दलों को ऐसा झटका दिया है कि इससे उबरने में उन्हें वक्त लगेगा. दरअसल, राज्य की 288 विधानसभा सीटों के नतीजों ने एनडीए की पकड़ इतनी मजबूत कर दी है, जिसे हिलाना नामुमकिन है. महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन 230 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है तो कांग्रेस गठबंधन 53 सीटों पर आगे चल रहा है. इनके अलावा पांच सीटों पर अन्य आगे हैं. लोकसभा चुनाव के दौरान महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन का प्रदर्शन काफी खराब रहा था. आइए जानते हैं कि उन नतीजों से बीजेपी ने क्या-क्या सबक लिए?
लोकसभा में ऐसा रहा था नतीजा
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं, जिनके नतीजे पांच जून 2024 को आए थे. इनमें से कांग्रेस गठबंधन ने कुल 30 सीटों पर कब्जा जमाया था, जिनमें 13 सीटें कांग्रेस, नौ सीटें शिवसेना उद्धव ठाकरे और आठ सीटें एनसीपी शरद पवार ने जीती थीं. वहीं, बीजेपी गठबंधन सिर्फ 18 सीटों को ही अपनी झोली में डाल पाया था. इनमें बीजेपी ने नौ, शिवसेना शिंदे ने सात और एनसीपी ने एक सीट अपने नाम की थी. वहीं, एक सीट अन्य के खाते में गई थी. इन नतीजों ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों को बेहद रोचक बना दिया था. ऐसे में कांग्रेस गठबंधन लोकसभा की कामयाबी को विधानसभा चुनाव में भी भुनाने की तैयारी कर रहा था, जबकि बीजेपी ने इसकी समीक्षा शुरू कर दी थी.
जमीन पर उतरे बीजेपी नेता
लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी ने इसका तोड़ निकालने की तैयारी कर दी. इसके लिए बीजेपी के लगभग सभी बड़े नेता जमीन पर उतर आए और जोर-शोर से प्रचार शुरू कर दिया. चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने कुल 172 रैलियां कीं. इनमें पीएम मोदी ने नौ रैलियों को संबोधित किया. उन्होंने 106 विधानसभा सीटों को कवर किया था. वहीं, 11 जनसभाएं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कीं. इसके अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 16 जनसभाओं को संबोधित किया.
लाडली बहना योजना ने दिखाया दम
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में लाडली बहन योजना के दम पर बीजेपी ने बंपर जीत हासिल की थी. ऐसे में यह दांव महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भी आजमाया गया. रक्षाबंधन 2024 के दौरान शुरू हुई इस योजना की वजह से महिलाओं का एकतरफा वोट एनडीए के पक्ष में गया और बीजेपी गठबंधन को बंपर जीत मिल गई.
हिंदुत्व के मुद्दे से एकजुट हुए वोटर्स
लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को संविधान के मुद्दे पर तगड़ी चोट लगी थी. ऐसे में भगवा पार्टी ने एक-एक कदम फूंककर रखा. जब बांग्लादेश में हिंदू हिंसा के शिकार हुए तो सीएम योगी आदित्यनाथ ने बंटोगे तो कटोगे का नारा दिया. इसके बाद पीएम मोदी ने एक हैं तो सेफ हैं कहकर हिंदुत्व कार्ड खेल दिया. इस कार्ड ने महाराष्ट्र में बीजेपी गठबंधन की उम्मीदों में जान फूंक दी.
फुस्स साबित हुआ मराठा आरक्षण का मुद्दा
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मसला लगातार उठता रहा है. माना जा रहा था कि यह मुद्दा विधानसभा चुनावों के नतीजों पर भी असर डाल सकता है, क्योंकि मराठा आंदोलन के नेता मनोज जरांगे कई बार विरोध प्रदर्शन कर चुके थे. मराठवाड़ा क्षेत्र में लोकसभा की आठ सीटें हैं, जिनमें बीजेपी सात पर हार गई थी. हालांकि, विधानसभा चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस गठबंधन की उम्मीदों पर पूरी तरह पानी फेर दिया है.
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