4500 की प्लेट, 12 हजार रुपये का कमरा; मुंबई में विपक्ष के INDIA गठबंधन की मीटिंग का खर्च कितना?
इंडिया गठबंधन की बैठक में करोड़ों रुपए के खर्च के सवाल पर शिवसेना (यूबीटी) के आदित्य ठाकरे ने कहा- पहले बीजेपी और शिंदे के लोग यह बताएं कि सूरत और गुवाहाटी चार्टर्ड प्लेन की व्यवस्था किसने की थी?
5 स्टार होटल, 80 कमरे और 14 घंटे की बैठक... मुंबई में INDIA गठबंधन की मीटिंग खर्च को लेकर विवादों में घिर गई है. शिंदे सरकार में मंत्री उदय सामंत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूछा है कि आखिर इस बैठक के लिए करोड़ों रुपए की फंडिंग किसने की है? सामंत ने शिवसेना के उद्धव ठाकरे और संजय राऊत को निशाने पर लिया है.
इंडिया गठबंधन की यह तीसरी मीटिंग है. विपक्षी मोर्चे की पहली बैठक पटना में नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर और दूसरी बैठक बेंगलुरु के ताज एंड वेस्ट होटल में आयोजित की गई थी. पहली मीटिंग का खर्च जेडीयू-आरजेडी तो दूसरी मीटिंग का खर्च कांग्रेस ने उठाया था.
मुंबई मीटिंग की जिम्मेदारी शिवसेना और एनसीपी पर है. हालांकि, कांग्रेस की ओर से लंच की व्यवस्था की गई है. बैठक में 28 दल के 65 नेता शामिल होने के लिए मुंबई पहुंचे हैं.
उद्धव की मेहमाननवाजी से इंडिया गठबंधन के नेता खुश
शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र में मेहमाननवाजी को लेकर गठबंधन के नेताओं की प्रतिक्रिया प्रकाशित की गई है. सामना ने लिखा है- राहुल ने मुंबई मीटिंग के आयोजन की तारीफ की है. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी आयोजन को भव्य बताया.
इसके अलावा अखिलेश यादव, मल्लिकार्जुन खरगे और सोनिया गांधी भी मीटिंग की व्यवस्था पर खुशी जाहिर की. एयरपोर्ट पर नेताओं के स्वागत के लिए कांग्रेस और एनसीपी के प्रतिनिधिमंडल मौजूद थे, जबकि होटल के बाहर संजय राउत और सुप्रिया सुले ने नेताओं का स्वागत किया.
आयोजन को सफल बनाने के लिए उद्धव ठाकरे और शरद पवार ने करीब 3 राउंड की मीटिंग की थी.
4500 की प्लेट, 12000 का कमरा...कुल खर्च कितना?
बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में वेस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे के करीब 10 एकड़ में निर्मित ग्रैंड हयात एक पांच सितारा होटल है. इसकी शुरुआत 2004 में की गई थी. होटल के वेबसाइट के मुताबिक यहां कई सुइट, रूम और अपार्टमेंट उपलब्ध हैं.
साथ ही मीटिंग के लिए कॉमन हॉल की भी व्यवस्था है. रिपोर्ट की मानें तो 65 नेताओं के लिए करीब 80 कमरे बुक किए गए हैं. इसके अलावा मीटिंग के लिए कॉमन हॉल की भी व्यवस्था की गई है.
होटल के वेबसाइट के मुताबिक एक कमरे का किराया करीब 12 हजार रुपए है. टैक्स जोड़कर कुल खर्च 13-14 हजार हो जाता है. कॉमन हॉल का खर्च अलग है. मंत्री उदय सामंत के मुताबिक 54 हजार रुपया तो सिर्फ कुर्सी पर महाविकास अघाड़ी के नेताओं ने खर्च किया है.
सामंत के मुताबिक ग्रैंड होटल में खाने के एक प्लेट की कीमत 4500 रुपए है. इंडिया गठबंधन के नेताओं के लिए होटल में महाराष्ट्र के पारंपरिक भोजन की व्यवस्था की गई है. इनमें वड़ा पांव, झुमका भाकर आदि है.
31 अगस्त के डिनर महाराष्ट्र की प्रसिद्ध व्यंजन वड़ा पांव, पुरण पोली, श्रीखंड पूरी, भरे हुए बैंगन साथ ही शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के व्यंजन परोसे गए.
होटल के वेबसाइट के रेटलिस्ट के मुताबिक एक प्लेट वड़ा पांव की कीमत 700 रुपए है. ग्रैंड हयात होटल के भीतर 6 रेस्टोरेंट है, जिसमें एक प्लेट खाने की औसत कीमत 4000-4500 के बीच है.
मीटिंग में करोड़ों रुपए के खर्च के सवाल पर शिवसेना (यूबीटी) के आदित्य ठाकरे ने कहा- पहले बीजेपी और शिंदे के लोग यह बताएं कि सूरत और गुवाहाटी चार्टर प्लेन की व्यवस्था किसने की थी? वहां होटल में ठहरने का इंतजाम किसने किया था?
बेंगलुरु की मीटिंग में भी हुआ था विवाद
INDIA गठबंधन के बेंगलुरु मीटिंग में भी विवाद हुआ था. बीजेपी और जेडीएस का कहना था कि कांग्रेस सरकार ने नेताओं के स्वागत के लिए आईएएस अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी. बेंगलुरु में 2 दिन की बैठक का इंतजाम कर्नाटक कांग्रेस कमेटी की ओर से किया गया था.
जेडीएस नेता कुमारस्वामी ने आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं के सेवा में राज्य सरकार ने 30 आईएएस अधिकारी को तैनात कर दिया, जो सर्विस नियम के खिलाफ है. हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का कहना था कि सभी की तैनाती नियम के अनुसार ही की गई है.
सिद्धारमैया का कहना था कि दूसरे राज्यों से आए मुख्यमंत्री राज्य के अतिथि होते हैं. सिद्धारमैया ने आगे कहा कि यह परंपरा पहले भी रही है और यहां किसी तरह के प्रोटोकॉल का कोई उल्लंघन नहीं हुआ.
अगली बैठक तमिलनाडु में, डीएमके कर सकती है होस्ट
महाराष्ट्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगली बैठक तमिलनाडु में करने की तैयारी है. तमिलनाडु में इंडिया गठबंधन के सहयोगी डीएमके की सरकार है. कहा जा रहा है कि चेन्नई में अगर मीटिंग होती है, तो इसकी जिम्मेदारी स्टालिन और कांग्रेस को सौंपी जा सकती है.
अगली मीटिंग संसद के विशेष सत्र के बाद कभी भी हो सकती है. कुछ नेताओं का कहना है कि 30 सितंबर से पहले सबकुछ फाइनल कर लिया जाए, इसके बाद सीधे चुनाव के रण में उतरा जाए.
लगातार बढ़ रहा है इंडिया का कुनबा, अब 28 दल साथ
जुलाई 2022 में विपक्षी मोर्चे की कवायद बिहार से शुरू की गई थी. उस वक्त लालू यादव और नीतीश कुमार ने सभी नेताओं को जोड़ने का आह्वान किया था. नीतीश का प्रयास अप्रैल 2023 में रंग लाया, जब कांग्रेस बैठक में शामिल होने को राजी हो गई.
जून में पटना में विपक्षी मोर्चे की पहली मीटिंग रखी गई. इसमें कुल 16 दल एक साथ आए, जिसमें कांग्रेस, सपा, शिवसेना, एनसीपी और आप का नाम शामिल हैं. दूसरी मीटिंग में इंडिया का कुनबा बढ़ा और 26 दल साथ आए.
तीसरी मीटिंग में 2 और दल को साथ जोड़ा गया. नीतीश कुमार चुनाव से पहले कुछ और दलों के साथ आने का दावा कर चुके हैं. विपक्षी मोर्चे की नजर इनेलो, बीएसपी, एआईयूडीएफ और शेतकारी संगठन पर है.
BJP के खिलाफ कैसे एकजुट हुए विपक्षी नेता, 2 प्वॉइंट्स...
1. कांग्रेस पहले से ही जेएमएम, एनसीपी, जेडीयू, शिवसेना (यूबीटी), आरजेडी और डीएमके के साथ गठबंधन में थी. नीतीश कुमार ने शुरू में 13 दलों को जोड़ने का सुझाव दिया. सितंबर 2022 में 8 दल के नेताओं से नीतीश मिले भी.
नीतीश और लालू ने सपा, आप और तृणमूल को गठबंधन के लिए मनाया. इन दलों ने पहले कांग्रेस के साथ जाने से इनकार कर दिया था. गठबंधन के लिए ममता और अखिलेश ने पहली शर्त यह रख दी कि मीटिंग दिल्ली के बजाय कहीं और हो.
2. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात के बाद नीतीश कुमार ने पटना में मीटिंग आयोजित करने की बात कही. बैठक की पहली तारीख 12 जून को रखी गई, लेकिन राहुल गांधी और खरगे की वजह से तारीख बदलनी पड़ी.
23 जून को विपक्षी मोर्चे की पहली बैठक पटना में आयोजित की गई. शक्ति प्रदर्शन के बाद आगे की रणनीति के लिए दूसरी बैठक रखने पर सबने सहमति जाहिर की.