Maharashtra Politics: शरद पवार के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Nationalist Congress Party-NCP ) के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा के बाद से ही महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया है. कांग्रेस, बीजेपी समेत सभी पार्टियां राजनीतिक गणित सुलझाने में उलझे हुए हैं. ऐसे में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस वेट एंड वाच की स्थिति में हैं, उन्होंने कहा है कि ये एनसीपी का आंतरिक मामला है कुछ भी टिप्पणी करना जल्दीबाजी होगी. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि शरद पवार की राजनीति के कई पहलू हैं. संभव है कि उनके इस कदम का भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस को भी नुकसान हो सकता है.


इस्तीफे की घोषणा क्यों महत्वपूर्ण है?
2024 में लोकसभा चुनाव हैं और महाराष्ट्र लोकसभा सीटों की संख्या में देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है. बता दें की 2024 में ही महाराष्ट्र में विधानसभा के 288 सीटों पर चुनाव होने हैं, ऐसे में शरद पवार के एनसीपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा के कई मायने हैं.


एनसीपी, महाविकास आघाड़ी गठबंधन का हिस्सा है जिसमें एनसीपी के अलावा कांग्रेस और शिवसेना (ठाकरे) मुख्य पार्टियां हैं. अब ये देखना दिलचस्प होगा की लोकसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा कैसे होगा. जून 2022 में शिवसेना में बगावत के समय ये कयास लगाए जा रहे थे कि 2019 के जैसे एक बार फिर बीजेपी और एनसीपी मिलकर सरकार बना सकते हैं लेकिन शिवसेना के एकनाथ शिंदे के बागी विधायक और बीजेपी ने मिलकर सरकार बनाया.


साजिश करने वालों का करारा जवाब
ऐसे में एनसीपी के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की घोषणा से पार्टी की मजबूती को आधार मिला है. माना जा रहा है कि पवार के इस कदम से पार्टी के खिलाफ साजिश करने वालों को करारा जवाब मिला है और वह अगला कोई भी कदम उठाने से पहले कई बार सोचेंगे. इसके साथ ही जिन नेताओं पर पार्टी तोड़ने का शक था, वो भी अब ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे.


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केंद्र की राजनीति की बात करें तो एनसीपी की मजबूती इस बात पर निर्भर करती है लोकसभा चुनाव में पार्टी कितनी सीटें जीतती है. आपको बता दें की कयास ये भी लगाए जा रहे हैं की शरद पवार के बाद पार्टी के नए अध्यक्ष की कमान महाराष्ट्र के पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार के हाथ में जा सकती है.