Maharashtra Influenza Cases: पेरेंट्स के लिए जरूरी खबर! जानें- बच्चों के लिए कितना खतरनाक है H3N2 Virus, ऐसे रखें ख्याल
H3N2 Virus in Children: डॉ. ने पेरेंट्स को सलाह देते हुए कहा कि, माता-पिता को बुखार की दवाओं का समझ-बूझकर खिलाना चाहिए, क्योंकि इसके ज्यादा सेवन से यह किडनी के कार्य को प्रभावित कर सकता है.
Symptoms of H3N2 Virus: महाराष्ट्र में लगातार बढ़ रहे H3N2 वायरस को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और राज्य सरकार दोनों अलर्ट है. डॉक्टरों ने कहा कि एच3एन2 वायरस के कारण फ्लू के संक्रमण की बढ़ती संख्या के बीच बच्चे विशेष रूप से प्रभावित हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिशुओं और प्रीस्कूलरों को भी पुणे के आईसीयू में भर्ती कराया गया है. डॉक्टरों ने बच्चों, विशेषकर 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में H3N2 मामलों में चिंताजनक वृद्धि दर्ज की है.
बच्चों की सुरक्षा कैसे करें?
डॉ. अमिता कौल, एचओडी और सीनियर कंसल्टेंट पीडियाट्रिक्स, सूर्या मदर एंड चाइल्ड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल ने कहा, "बच्चों में, अस्थमा और अन्य बीमारियों जैसे मोटापा, फेफड़े की बीमारी, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है." कुछ मामलों में बुखार 104-105 F तक जा सकता है, उल्टी, लूज मोशन, खांसी/जुकाम और अत्यधिक मामलों में नींद नहीं आने की शिकायत भी दर्ज की जाती है. ऐसे लक्षण आमतौर पर 5-7 दिनों तक रहते हैं. कुछ रोगियों में लंबी अवधि तक लगातार खांसी भी देखी जा सकती है.
इस तरह वायरस से लड़ने में मिलेगी मदद
कौल ने कहा, "अगर खांसी एक सप्ताह से अधिक समय से है, तो अपने बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श करने की सलाह दी जाती है. 6 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए खांसी के लिए काउंटर दवा का अधिक उपयोग न करें." कौल ने कहा कि पर्याप्त आराम करने, तरल पदार्थ का सेवन बढ़ाने और सूक्ष्म पोषक तत्वों को शामिल करने के लिए अपने आहार में विविधता लाने से बच्चों को वायरस से लड़ने में मदद मिल सकती है.
पेरेंट्स जरूर करें ये काम
"माता-पिता को बुखार की दवाओं का समझ-बूझकर उपयोग करना चाहिए, अत्यधिक उपयोग न करें क्योंकि यह किडनी के कार्य को प्रभावित कर सकता है, बुखार के मामले में गुनगुना स्पंजिंग का अभ्यास करें और बच्चों को उच्च प्रोटीन आहार प्रदान करें. बाहर कदम रखते समय, यह महत्वपूर्ण है कि वे भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें और यदि वे ऐसा करते हैं मास्क पहनना चाहिए, ”कौल ने कहा. डॉक्टरों ने लोगों को हर साल नियमित रूप से फ्लू के टीके लगवाने, मास्क का उपयोग करने, नियमित रूप से हाथ धोने और भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहने की सलाह दी, जो वायरस के सुपर प्रसार के माध्यम के रूप में कार्य करते हैं.
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