Pooja Khedkar Case: ट्रेनी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी पूजा खेडकर की अग्रिम जमानत याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट  ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. कल शाम 4 बजे पटियाला हाउस कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने पूजा खेडकर की जमानत का विरोध करते हुए कहा कि अगर पूजा को जमानत मिल जाएगी तो जांच पर इसका असर पड़ेगा लिहाजा पूजा को जमानत न दी जाए.


पूजा खेडकर के खिलाफ दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने यूपीएससी की तरफ से मिली शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया था. यूपीएससी ने शिकायत में कहा था कि पूजा खेडकर ने अपने डॉक्यूमेंट, नाम, फ़ोटो, एड्रेस, ईमेल आईडी बदल सिविल सर्विस एग्जाम में तय नियमों से अधिक एटेम्पट दिए.


'गिरफ्तारी का खतरा'


आज निचली अदालत में सुनवाई के दौरान पूजा खेडकर की वकील बीना माधवन ने कहा कि मुझे गिरफ्तारी का खतरा है. मामले में शिकायत यूपीएससी द्वारा जालसाजी, धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए की गई है. यूपीएससी का आरोप झूठ है.


माधवन ने खेडकर की दिव्यांगता प्रमाण पत्र रिकॉर्ड में दर्ज किया. उन्होंने कहा कि यह 8 डॉक्टरों द्वारा बनाया गया है. यह एम्स का बोर्ड है. दिव्यांगता का प्रतिशत 47% है.


यौन उत्पीड़न केस का जिक्र


बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक माधवन ने कहा, ''शिकायत मिलते ही अगले ही दिन उन्होंने एफआईआर दर्ज कर दी. अपने जवाब में दिल्ली पुलिस ने कहा कि मुझे हिरासत में लेकर पूछताछ करनी है. मुझे अपना बचाव करने का भरपूर मौका दिया जाना चाहिए. उन्होंने इस तरह से ये कार्यवाही क्यों शुरू की? मुझे कई अधिकारियों ने बुलाया है. आईएएस अकादमिक मसूरी ने मुझे बुलाया है, पुणे कमिश्नर ने मुझे बुलाया है. डीओपीटी ने भी मुझे नोटिस दिया है.''


पूजा खेडकर की वकील ने कहा, ''मैंने यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज की है और इसीलिए मेरे खिलाफ यह सब किया जा रहा है. मीडिया के पास नहीं गई.''


इसके बाद कोर्ट ने कहा कि आप कह रहे हैं कि यूपीएससी ने आपके खिलाफ़ तीन अतिरिक्त प्रयासों के लिए शिकायत दर्ज की है. आप कह रहे हैं कि आपको ऐसा करने की अनुमति हाई कोर्ट ने दी थी. अब मुझे हाई कोर्ट के आदेश दिखाइए.


इसके बाद माधवन ने कहा कि पूजा खेडकर फाइटर हैं. उन्हें अपनी उम्मीदवारी को मान्य करवाने के लिए हर स्तर पर संघर्ष करना पड़ा. दिव्यांग व्यक्ति के लिए जीवन आसान नहीं है. उन्होंने नाम बदलने को लेकर दलील देते हुए कहा कि उन्होंने अपना नाम बदल लिया. इस देश में कोई भी अपना नाम बदल सकता है. लेकिन यह वैध तरीके से किया गया.


वहीं यूपीएससी के वकील नरेश कौशिक ने कहा कि 9 प्रयास ओबीसी क्राइटेरिया के तहत थे. उसमें क्रीमी लेयर और नॉन क्रीमी लेयर का कॉन्सेप्ट है. इनके पिता ने अपनी घोषणा में 53 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की थी. उसको कम दिखाने के लिए कहा कि मेरे माता-पिता का तलाक हो गया है और मैं मां के साथ रह रही हूं.


'लाडली बहन' योजना को लेकर 2 महिलाओं ने BJP विधायक के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत, जानें वजह