IAS Pooja Khedkar News: महाराष्ट्र के पुणे में ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पारिवारिक बंगले के पास अवैध ढांचे को हटा दिया गया है. पुणे नगर निगम की ओर से इसे हटाने को लेकर नोटिस दिया गया था. नोटिस जारी होने के कुछ दिनों के बाद ही अवैध ढांचे को हटा दिया गया. एक अधिकारी ने बुधवार (17 जुलाई) को जानकारी देते हुए कहा, खेडकर के परिवार ने कथित अतिक्रमण हटा लिया होगा. हालांकि नगर निगम की ओर से निर्धारित समय सीमा अभी खत्म नहीं हुई है.


पुणे नगर निगम (पीएमसी) अधिकारियों ने 13 जुलाई को शहर के बानेर रोड इलाके में बंगले के बाहर एक नोटिस चिपकाया था. आईएएस अधिकारी के परिवार को संपत्ति से सटे फुटपाथ के साथ 60 फीट लंबाई, 3 फीट चौड़ाई और 2 फीट की ऊंचाई वाली अवैध संरचना को हटाने के लिए कहा गया था.


पुणे नगर निगम ने 7 दिनों का दिया था वक्त


अधिकारियों ने बंगले पर नोटिस लगाकर उनसे (खेडकर के परिवार से) कहा था कि सात दिन के अंदर अतिक्रमण हटाएं. इसमें कहा गया था कि अगर परिवार 7 दिनों के भीतर संरचना को हटाने में विफल रहता है, तो पीएमसी इसे हटा देगी और उनसे खर्च वसूल करेगी. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक एक अधिकारी ने कहा, ''पुणे नगर निगम ने अवैध संरचना को खुद नहीं तुड़वाया क्योंकि समय सीमा अभी खत्म नहीं हुई थी. शायद परिवार ने निजी कर्मचारियों को काम पर रखकर इसे हटवाया होगा.''


क्यों विवादों में हैं ट्रेनी IAS पूजा खेडकर?


ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर अनुचित आचरण के आरोपों के अलावा इस पद को हासिल करने के लिए दिव्यांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा का कथित तौर पर दुरुपयोग करने को लेकर विवादों में हैं. सरकार ने मंगलवार को 2023 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी पूजा खेडकर के जिला प्रशिक्षण कार्यक्रम को रोक लगा दिया था. उन्हें लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी वापस बुलाया गया था.


34 वर्षीय आईएएस अधिकारी खेडकर अपनी वीआईपी डिमांड को लेकर विवादों में फंसी. वो एक अलग ऑफिस और आधिकारिक कार की कथित मांग और अपनी निजी कार पर लाल बत्ती के अनधिकृत उपयोग की खबरें सामने आने के बाद सुर्खियों में आईं. बाद में उन्हें पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया था. 


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