IAS पूजा खेडकर का एक और फर्जीवाड़ा, सर्टिफिकेट के लिए दिए पते को लेकर बड़ा खुलासा
IAS Pooja Khedkar Controversy: आईएएस पूजा खेडकर को लेकर हर दिन नए-नए खुलासे हो रहे हैं. अब खबर है कि पूजा ने फर्जी एड्रेस पर सर्टिफिकेट हासिल किया था.
IAS Pooja Khedkar News: विवादों में आईं IAS पूजा खेडकर की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही है. पूजा खेडकर का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है. पिंपरी पुणे के YCM हॉस्पिटल से जो डिसेबिलिटी सर्टिफिकेट हासिल किया था उसके लिए उसने अपने एड्रेस प्रूफ के लिए राशन कार्ड को अटैच किया था और फर्जी एड्रेस पर सर्टिफिकेट हासिल किया था. इस सर्टिफिकेट पर जो एड्रेस दिया गया है वो थर्मोवेरीटा इंजीनियरिंग कंपनी का एड्रेस है. इसी कंपनी के नाम पर खेड़कर की ऑडी कार भी रजिस्टर्ड है.
इस बीच खबर है कि आईएएस प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडेकर के आवास पर अवैध अतिक्रमण के खिलाफ भी कार्रवाई होगी.
आईएएस पूजा खेडकर से जुड़ा विवाद क्या है?
परिवीक्षाधीन आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने अगस्त 2022 में पुणे जिले के पिंपरी के एक अस्पताल से आंशिक ‘लोकोमोटर दिव्यांगता’ (चलने-फिरने संबंधी विकलांगता) प्रमाणपत्र प्राप्त किया था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. वर्तमान में वाशिम जिले में तैनात 2023 बैच की अधिकारी खेडकर (34) संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में चुने जाने के लिए कपटपूर्ण तरीके का इस्तेमाल करने के आरोपों का सामना कर रही हैं. उन्होंने खुद को कथित तौर पर शारीरिक रूप से दिव्यांग और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय का बताया था.
खेडकर पर पुणे में तैनाती के दौरान विशेषाधिकारों का दुरुपयोग करने का भी आरोप है. वहीं, खेडकर ने दावा किया कि उनकी छवि खराब की जा रही है. इससे पहले दिन में, पुलिस ने कहा कि वह खेडकर द्वारा प्रस्तुत चिकित्सा प्रमाणपत्रों की सत्यता की जांच करेगी. खेडकर ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को कई मेडिकल प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए थे, जिनमें से एक दृष्टि संबंधी दिव्यांगता को दर्शाता है. मुख्य आयुक्त दिव्यांगजन कार्यालय ने खेडकर द्वारा पेश प्रमाणपत्रों की जांच के संबंध में पुणे पुलिस और जिलाधिकारी को पत्र लिखा है.
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें मुख्य आयुक्त दिव्यांगजन कार्यालय से एक पत्र मिला है. उन्होंने हमें पूजा खेडकर द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाणपत्रों की प्रामाणिकता की जांच करने के लिए कहा है. हम इन प्रमाणपत्रों के बारे में तथ्यों की जांच करेंगे कि उन्हें कहां से प्राप्त किया गया, किस डॉक्टर या अस्पताल ने उन्हें प्रमाणित किया.’’ यह भी सामने आया है कि विवादास्पद आईएएस अधिकारी ने 2007 में एक निजी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए फिटनेस प्रमाणपत्र प्रस्तुत किया था.
इस बीच, पिंपरी स्थित सरकारी यशवंतराव चव्हाण मेमोरियल अस्पताल के डीन डॉ राजेंद्र वाबले ने कहा, ‘‘उन्होंने (खेडकर) 2022 में अपने बाएं घुटने के जोड़ संबंधी दिव्यांगता प्रमाणीकरण के लिए आवेदन किया था. वह चिकित्सा जांच के लिए यहां आई थीं और कई विभागों द्वारा उनका परीक्षण किया गया था.’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह पाया गया कि खेडकर में सात प्रतिशत ‘लोकोमोटर दिव्यांगता’ है.’’ चौबीस अगस्त 2022 को जारी प्रमाणपत्र में कहा गया कि खेडकर के घुटने में सात प्रतिशत दिव्यांगता है. खेडकर ने इससे पहले 2018 और 2021 में अहमदनगर जिला सिविल अस्पताल द्वारा प्रदान किए गए दो प्रमाण पत्र यूपीएससी को प्रस्तुत किए थे.